सेंट स्टीफंस छेड़छाड़ मामला: आरोपी का बर्सर के पद से इस्तीफा
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सेंट स्टीफंस छेड़छाड़ मामला: आरोपी का बर्सर के पद से इस्तीफा

अपने अधीन पीएचडी कर रही एक छात्रा से छेड़छाड़ करने के आरोपों का सामना कर रहे सेंट स्टीफंस कालेज के प्रोफेसर सतीश कुमार ने कॉलेज के ‘बर्सर’ के पद से इस्तीफा दे दिया है जिसके बाद प्रबंध निकाय ने इस प्रशासनिक पद के लिए आज नयी नियुक्ति की। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में रसायन विभाग में सहायक प्रोफेसर कुमार को कल अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

फाइल फोटो

नई दिल्ली : अपने अधीन पीएचडी कर रही एक छात्रा से छेड़छाड़ करने के आरोपों का सामना कर रहे सेंट स्टीफंस कालेज के प्रोफेसर सतीश कुमार ने कॉलेज के ‘बर्सर’ के पद से इस्तीफा दे दिया है जिसके बाद प्रबंध निकाय ने इस प्रशासनिक पद के लिए आज नयी नियुक्ति की। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में रसायन विभाग में सहायक प्रोफेसर कुमार को कल अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

 

सेंट स्टीफंस के प्रिंसिपल वाल्सन थंपू ने कहा, ‘ कुमार ने एक एसएमएस भेजकर बर्सर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाने में असमर्थता जाहिर की थी। कॉलेज के प्रबंध निकाय ने आज सुबह फैसला किया कि कुमार को इस पद संबंधी उनके सभी कर्तव्यों एवं दायित्वों से मुक्त किया जाए और एक नयी नियुक्ति की गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘ कॉलेज के खजांची सुधीर जोसेफ अब नए बर्सर होंगे जबकि कुमार सहायक प्रोफेसर के तौर पर काम करना जारी रखेंगे।’ थंपू पर भी आरोपी को बचाने की कोशिश करने का आरोप है। उन्होंने कहा, ‘ मुझे प्रिंसिपल के तौर पर ऐसे निर्णयों को लागू करने के लिए प्रबंधन निकाय की मंजूरी का इंतजार करना होगा।’

पीड़िता ने पिछले सप्ताह पुलिस के पास जाकर आरोप लगाया था कि कुमार ने 15 अक्तूबर 2013 को उसके साथ छेड़छाड़ की थी। उसने कुमार पर उसका पीछा करने, उस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और घटना से पूर्व उस के साथ महीनों तक अनुचित शारीरिक संपर्क करने का आरोप लगाया है। पीड़िता के अनुसार आरोपी ने उसे धमकी भी दी कि ‘यदि वह पीली साड़ी पहनकर कॉलेज नहीं आई तो वह उस पर तेजाब फेंक देगा।’ शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसने थंपू को इस बारे में बताया तो उन्होंने कुमार का बचाव करने का प्रयास किया।

उसने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने उसे यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के लिए हतोत्साहित किया और उसके पास दो विकल्प छोड़े कि या तो वह ‘दिल्ली विश्वविद्यालय के शिकायत निपटान सेल के पास जाए और अपनी डिग्री को मुश्किल में डाल दे या फिर इस मामले को एक अकादमिक समस्या बताए।’ थंपू ने पुष्टि की कि पीड़िता ने उनसे शिकायत की थी लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि उन्होंने इस मामले को कॉलेज की अंदरूनी शिकायत समिति के पास भेजा था जो इस तरह की शिकायतों पर गौर करती है।

प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा था कि यदि छात्रा को कुमार के अधीन पीएचडी करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है तो वह छात्रा का ‘गाईड’ बदल देंगे लेकिन उसने यह सुझाव मानने से इनकार कर दिया था।

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