JNU में नहीं थम रहा बवाल, संसद तक मार्च करेंगे छात्र; दिल्ली पुलिस का कड़ा पहरा
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JNU में नहीं थम रहा बवाल, संसद तक मार्च करेंगे छात्र; दिल्ली पुलिस का कड़ा पहरा

हॉस्टल फीस में भारी वृद्धि के चलते जेएनयू और छात्रों के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली है.

JNU में नहीं थम रहा बवाल, संसद तक मार्च करेंगे छात्र; दिल्ली पुलिस का कड़ा पहरा

नई दिल्ली: जवाहर लाल विश्वविद्यालय (JNU) में फीस बढ़ोत्तरी को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन की कड़ी में छात्र-छात्राएं आज संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे. छात्र संघ का प्रस्तावित मार्च सुबह 10 बजे से शुरू होगा. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से कक्षाओं में लौटने की अपील की है. बता दें कि आज से ही संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है.

मार्च में जेएनयू के अलावा कई यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल होंगे. दिल्ली पुलिस की पूरी कोशिश है कि प्रदर्शनकारियों को जेएनयू से बाहर न निकलने दें. अगर वे बाहर आ भी जाते हैं तो इनको हिरासत में लिया जाएगा. इसके लिए जेएनयू परिसर के बाहर कई बसों का इंतजाम किया गया है.

गेट के बाहर बैरिकेड्स लगाए
दिल्ली पुलिस ने सुबह 6 बजे से ही प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए इंतजाम करना शुरू कर दिए हैं. राज्य के 6 जिलों साउथ डिस्ट्रिक, नई दिल्ली, साउथ-ईस्ट, वेस्ट, द्वारका और साउथ-वेस्ट इन जिले की पुलिस को बुलाया गया है. इसके अलावा कई जिलों से बैरिकेड्स भी मंगवाए गए हैं. जेएनयू परिसर के गेट के बाहर बैरिकेड्स लगाकर छात्रों को अंदर ही रोके जाने की कोशिश की जा रही है. वहीं, अभी से ही पुलिस जेएनयू में आने-जाने वाले गेट पर नज़र रख रही है कि कौन-कौन आ रहा है?

मेट्रो स्टेशन बंद होंगे!
दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आंदोलनकारियों को रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर नई दिल्ली के आस-पास के मेट्रो स्टेशनों को बंद किया जा सकता है.

पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित
JNU के कुलपति जगदीश कुमार ने इस मामले को लेकर कहा, "पिछले दो सप्ताह के दौरान पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है, क्योंकि विश्वविद्यालय के कुछ छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पढ़ाई-लिखाई में बाधा को लेकर मुझे कई छात्रों और उनके अभिभावकों ने ई-मेल किया है."

प्रशासन दे रहा धमकी
जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि दबाव बनाकर और अवैध तरीके अपनाकर वार्ता नहीं हो सकती. हालांकि, छात्रों ने कहा कि प्रशासन उन्हें एक तरह से धमका रहा है जबकि अध्यापक उनका समर्थन कर रहे हैं. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि कुछ छात्रों की वजह से हजारों छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

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फीस वृद्धि को लेकर किए गए बड़े प्रदर्शन के बाद, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वद्यिालय प्रशासन के खिलाफ अपने प्रदर्शन को और तेज कर दिया है. इससे पहले, छात्रों ने पूरे एडमिन ब्लॉक परिसर में नारे लिख दिए और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा और उसके आसपास भी ऐसा ही किया है. हालांकि, अभी प्रतिमा का अनावरण नहीं हुआ है.

भारी फीस वृद्धि के बावजूद JNU में हॉस्टल सबसे सस्ता
शुल्क वृद्धि के बावजूद यहां किराया बाकी अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तुलना में बेहद कम है. जेएनयू की बात करें, तो अकेले कमरे के लिए फीस 20 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये करने का फैसला किया गया है, जबकि दो लोगों वाले कमरे के लिए यह 10 रुपये के मुकाबले 300 रुपये होगा.

व्यवस्था शुल्क सहित नई शुल्क वृद्धि के बाद अकेले कमरे के लिए हॉस्टल शुल्क 7,200 रुपये प्रति वर्ष हो गया है. हालांकि, व्यवस्था शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है, और वह प्रति सेमेस्टर 1,100 है और वार्षिक शुल्क 2,200 रुपये है. इसके अलावा बरतन व समचार पत्र के लिए क्रमश: 250 रुपये और 50 रुपये देने होंगे. अकेले कमरे के लिए देय कुल राशि 9,700 रुपये प्रति वर्ष है, जबकि एक डबल कमरे के लिए वार्षिक शुल्क 6,100 है.

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राष्ट्रीय राजधानी में अन्य विश्वविद्यालयों की बात करें, तो दिल्ली विश्वविद्यालय 1922 में स्थापित हुआ था. यहां 14 से अधिक संकाय और 86 अकादमिक विभाग हैं. 79 कॉलेज इस विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हैं और देश भर से आए 2,20,000 विद्यार्थी यहां पढ़ते हैं.

विश्वविद्यालय ने अपने कॉलेज के हॉस्टल के लिए कोई सामान्य छात्रावास शुल्क नहीं रखा है, लेकिन इसके कॉलेज हॉस्टल फीस का निर्णय खुद से करते है, जो कि 40,000 से 50,000 रुपये के बीच होता है. उदाहरण के लिए सेंट स्टीफन्स कॉलेज की हॉस्टल फीस 60,000 रुपये प्रति वर्ष है.

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शोधार्थियों का केंद्र माने जाने वाले और मास मीडिया अध्ययन के लिए सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों में से एक जामिया मिलिया इस्लामिया प्रति वर्ष 30,000 रुपये का शुल्क लेता है. कमरे का किराया 1,000 रुपये और हॉस्टल के रखरखाव का 1,400 रुपये यहां लिया जाता है. जेएनयू की तरह जामिया में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे आने वाले) विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत की छूट नहीं प्रदान की जाती है.

(इनपुट-एजेंसी से भी)

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