अवमानना मामला: मनोज तिवारी के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
Advertisement

अवमानना मामला: मनोज तिवारी के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

 मनोज तिवारी ने पूर्व में दाखिल हलफनामा में कहा था कि उन्होंने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला नहीं बनता है.

मनोज तिवारी ने कहा था कि वे सीलिंग अधिकारी बनने को तैयार हैं.

नई दिल्ली, महेश गुप्ता: सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में सोमवार को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा था जिसके जवाब में तिवारी ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया जिसमें कोर्ट से माफी मांगने की बात नहीं कही. मनोज तिवारी ने एक मकान पर लगी सील को तोड़ दिया था. यह सीलिंग सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश पर हुई थी. मनोज तिवारी के इस रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

तीन अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में मनोज तिवारी के खिलाफ सुनवाई नहीं हो सकी थी, मनोज तिवारी कोर्ट मे पेश हुए थे लेकिन सुनवाई टल गई. तब मनोज तिवारी ने अपना वकील (Advocate on Record) बदल लिया था जिसका वजह से सुनवाई नहीं हो सकी. इससे पहले मनोज तिवारी ने हलफनामा में कहा उन्होंने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं किया है. उनके खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला नहीं बनता है.

ऐसे में कार्रवाई ड्रॉप किया जाय. उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट चाहे तो वो सीलिंग अधिकारी बनने को तैयार हैं. इस हलफनामे की भाषा को देखते हुए मनोज तिवारी की मुश्किल बढ़ती नजर आ रही हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के गोकुलपुर में एक गांव की सीलिंग तोड़ने के मामले में एक हफ्ते भीतर जवाब देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मनोज तिवारी को अवमानना का नोटिस जारी कर रखा है. इस मामले में पिछली सुनवाई पर मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए.

सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के उस बयान पर नाराजगी जताई जिसमे उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक हजार जगहें ऐसी हैं, जिसमें सील लगनी चाहिए, लेकिन वहां सीलिंग नहीं की जाती. सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी से कहा वह ऐसी जगहों की लिस्ट दें, तो कोर्ट उन्हें सीलिंग अफसर ही बना देगा. हालांकि तिवारी के वकील ने कहा कि ये लिस्ट न मांगी जाय ये सांसद हैं. तब कोर्ट ने कहा कि सांसद हैं तो कुछ करेंगे. 

ये भी देखे

Trending news