नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार के दिन अधिकारियों को दिल्ली मेट्रो के 104 किलोमीटर वाले फेज-4 परियोजना पर काम शुरू करने का निर्देश दिया, जो केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवाद के चलते रुकी हुई थी. जस्टिस अरूण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ ने यह फैसला सुनाया. पिछली सुनवाई में अदालत को बताया गया था कि यह परियोजना 'विवेचनात्मक' है और बाकी बचे सभी मुद्दों को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीठ को एक पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के बारे में बताया गया था, जिसमें यह कहा गया था कि साल 2014 में जब इसे केंद्र सरकार में पारित होने के लिए भेजा गया तब से यह परियोजना रुकी हुई है. ईपीसीए रिपोर्ट ने इस परियोजना के विभिन्न वित्तीय पहलुओं की वजह से केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चर्चा में गतिरोध की ओर इशारा किया.


दिल्ली सरकार ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो को फेज-4 पर काम तब तक शुरू नहीं करना चाहिए जब तक परिचालन हानि, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी एजेंसी के ऋण का पुर्नभुगतान, भूमि की लागत और करों का बंटवारा और कई और चीजों से संबंधित मुद्दों का हल नहीं हो जाता.


केंद्र ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि परियोजना के लिए निधिकरण अगस्त 2017 के मेट्रो रेल नीति के अनुसार किया गया था. सरकार ने भी कहा कि अन्य शहरों के मेट्रो परियोजनाओं को दिल्ली मेट्रो फेज-4 के वित्तीय पैटर्न पर मंजूरी दे दी गई है.