रामपाल पर देशद्रोह का भी मामला, भाई समेत खास सहयोगी आश्रम से गिरफ्तार
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रामपाल पर देशद्रोह का भी मामला, भाई समेत खास सहयोगी आश्रम से गिरफ्तार

विवादित संत रामपाल की गिरफ्तारी के मसले पर मचे बवाल के बीच हरियाणा पुलिस के डीजीपी एस एन बशिष्ठ ने कहा है कि रामपाल को कानून के आगे सरेंडर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आश्रम से 10 हजार लोगों को निकाला जा चुका है। अब भी वहां पांच हजार लोग फंसे हुए है जिन्हें निकालने की पुलिस कोशिश कर रही है।

रामपाल पर देशद्रोह का भी मामला, भाई समेत खास सहयोगी आश्रम से गिरफ्तार

ज़ी मीडिया ब्यूरो

हिसार (हरियाणा): हरियाणा पुलिस ने रामपाल के कई समर्थकों को सतलोक आश्रम से गिरफ्तार किया है। इनमें उसका भाई पुरुषोत्तम दास भी शामिल है जो रामपाल का प्रवक्ता भी है। 70 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया  और उसके बाद अदालत ने इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इन गिरफ्तार लोगों में कई रामपाल के खास सहयोगी है।

रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर हरियाणा सरकार ने मांगीं CRPF की पांच कंपनियां

इस बीच रामपाल की गिरफ्तारी से पहले हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से सीआरपीएफ की पांच कंपनियों की मांग की है। सीआरपीएफ की एक कंपनी में 1001 जवान होते हैं। इस तरह हरियाणा सरकार ने हालात से निपटने के लिए पांच कंपनियां यानी 5005 जवानों की मांग की है।

'रामपाल को कानून के आगे सरेंडर करना चाहिए'

विवादित संत रामपाल की गिरफ्तारी के मसले पर मचे बवाल के बीच हरियाणा पुलिस के डीजीपी एस एन बशिष्ठ ने कहा है कि रामपाल को कानून के आगे सरेंडर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आश्रम से 10 हजार लोगों को निकाला जा चुका है। अब भी वहां पांच हजार लोग फंसे हुए है जिन्हें निकालने की पुलिस कोशिश कर रही है। इस बीच यह कहा जा रहा है कि रामपाल आज शाम तक सरेंडर कर सकते हैं। क्योंकि हरियाणा सरकार अब रामपाल से बातचीत के मूड में नहीं है।

5 हजार लोग अब भी आश्रम में फंसे हुए हैं

बशिष्ठ ने कहा कि पांच हजार निर्दोष लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद फंसे हुए निर्दोष लोगों को बचाना और रामपाल की गिरफ्तारी है। निकाले गए लोगों में बच्चे और महिलाएं ज्यादा है। रामपाल अब भी आश्रम में मौजूद है। उसकी गिरफ्तारी तक पुलिस का ऑपरेशन जारी रहेगा। पुलिस ने अपनी तरफ से एक भी गोली नहीं चलाई है।

स्वयंभू संत रामपाल को पुलिस अबतक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। यह कहा जा रहा है कि रामपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस किसी भी वक्त ऑपरेशन को अंजाम दे सकती है। आश्रम से अबतक 10 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है। पुलिस ने रामपाल के आश्रम को चारों तरफ से घेर लिया है।

रामपाल के आश्रम ने चार महिलाओं के शव पुलिस को सौंपे, कुल 6 लोगों की हुई मौत

हरियाणा में हिसार जिले के बरवाला नगर स्थित स्वयंभू संत रामपाल के आश्रम के स्टाफ ने पुलिस को चार महिलाओं के शव सौंपे । उन्होंने एक बच्चे सहित दो बीमार लोग भी पुलिस को सौंपे जिनकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एसएन वशिष्ठ ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आश्रम के अधिकारियों ने 70 वर्षीय एक बुजुर्ग सहित चार महिलाओं के शव सौंपे । जिन महिलाओं के शव सौंपे गए, उनकी पहचान दिल्ली निवासी सविता (31) रोहतक निवासी संतोष (45), बिजनौर निवासी राजबाला (70) और पंजाब के संगरूर निवासी मलिकित कौर (50) के रूप में हुई है । पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इसके अतिरिक्त 20 वर्षीय रजनी, जिसकी हृदय रोग के चलते स्थिति गंभीर थी, को सुबह करीब चार बजे आश्रम से हिसार अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तीन घंटे बाद उसकी मौत हो गई । डेढ़ साल के एक बच्चे की भी मौत हो गई जो जन्मजात पीलिया से पीड़ित था। बच्चे के पिता का नाम विपिन प्रताप सिंह है ।

रामपाल के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज

रामपाल समर्थकों की ओर से कल सशस्त्र प्रतिरोध के मद्देनजर पुलिस ने विवादास्पद ‘बाबा’ तथा सतलोक आश्रम के अधिकारियों समेत उनके अनुयायिओं के खिलाफ राजद्रोह एवं अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आज कहा कि दर रात रामपाल, आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर एवं एक अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी पुरूषोत्तम दास तथा अन्य अनुयायिओं के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

इनके खिलाफ धारा 121 (युद्ध छेड़ने या प्रयास करने), धारा 121ए (सरकार के खिलाफ कुछ अपराध की साजिश रचने), धारा 122 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार जमा करने ) जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।  

रामपाल के हजारों भक्तों ने छोड़ा आश्रम

विवादित संत रामपाल के बचाव में डटे सैंकड़ों भक्तों ने सुबह आश्रम छोड़ दिया है। सुरक्षा बलों और रामपाल के भक्तों के बीच मंगलवार को हुई हिंसक झड़प में करीब 250 लोगों के घायल होने के बाद सख्त पुलिस कार्रवाई के भय से रामपाल का बचाव के लिए आश्रम में डेरा डाले भक्त आश्रम छोड़कर जाने लगे हैं। झड़प में घायल होने वालों में 110 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

जिला प्रशासन ने बताया कि आश्रम की 20 फुट ऊंची चारदीवारी गिरा दिए जाने के बाद पांच दिनों से अंदर डेरा डाले हुए करीब 10,000 भक्त बुधवार सुबह आश्रम छोड़कर जाने लगे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 12 एकड़ के क्षेत्र में फैले आश्रम के अंदर अब भी रामपाल के कुछ समर्थक डेरा डाले हैं। आश्रम प्रबंधन ने यद्यपि यह दावा किया है कि रामपाल आश्रम में नहीं हैं, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एस. एन. वशिष्ठ ने कहा कि रामपाल आश्रम के अंदर ही छिपा बैठा है। आश्रम छोड़कर जा रहे लोगों में से ज्यादातर का कहना है कि आश्रम के स्वयंसेवकों और निजी कमांडोज ने उन्हें जबरन अंदर रोककर रखा था। रामपाल के भक्तों ने पुलिस पर फायरिंग, पेट्रोल बम और एसिड और ईंट-पत्थरों से हमला भी किया था।

घायल मां-बेटे की अस्पताल में मौत

इस बीच मंगलवार को पुलिसिया कार्रवाई में घायल हुए एक महिला और उसके पांच साल के बेटे की मौत हो गई। दोनों हिसार के नजदीक अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी। महिला मध्य प्रदेश की रहने वाली थी।

आज सुबह 10 बजे तक का दिया गया था अल्टीमेटम

स्वयंभू संत रामपाल के समर्थकों को पुलिस ने आज सुबह 10 बजे का अल्टीमेटम दिया था। गौर हो कि पुलिस ने आज सुबह 10 बजे के अंदर रामपाल के समर्थकों को आश्रम छोड़ने की चेतावनी दी थी। इस बीच लगभग 10 हजार समर्थकों को पुलिस ने आश्रम से निकाला है। समर्थकों को बसों और रेलवे स्टेशनों पर ले जाकर छोड़ जा रहा है। पुलिस इस बात की पूरी कोशिश कर रही है कि हिंसा से बचा जाए क्योंकि रामपाल के समर्थक गुंडागर्डी और हिंसा पर उतारू है।

कल (मंगलवार को) क्या हुआ था

गौर हो कि मंगलवार को हरियाणा में हिसार जिले के बरवाला में स्वयंभू संत रामपाल के आश्रम में मंगलवार को हिंसक झड़पों में सुरक्षाकर्मियों और मीडियाकर्मियों सहित 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पुलिस ने रामपाल के समर्थकों को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, जबकि समर्थकों ने भी कथित रूप से गोलीबारी की। सुरक्षाकर्मी ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि महिलाओं और बच्चों को ‘मानव कवच’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक रामपाल निश्चित रूप से आश्रम में हैं और उन्हें बाहर लाने और चंडीगढ़ में पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय में पेश किये जाने तक अभियान जारी रहेगा। अदालत ने अवमानना के एक मामले में उनके खिलाफ नये सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया है।

पुलिस और अर्धसैनिक बलों की पूरी कार्रवाई को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने बहुत मुश्किल करार दिया क्योंकि आश्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं।डीजीपी ने कहा कि आश्रम के अंदर से गोलियां चलाई गयीं हैं जहां से लोगों ने पुलिस बलों पर पथराव किया, पेट्रोल बम फेंके।

इस दौरान दो पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गये। एक महिला गंभीर रूप से जली हुई मिली और यह पता नहीं चला कि वह कैसे जली। उन्होंने कहा कि रामपाल निश्चित रूप से आश्रम में हैं और उन्हें बाहर लाने और चंडीगढ़ में पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय में पेश किये जाने तक अभियान जारी रहेगा। अदालत ने अवमानना के एक मामले में उनके खिलाफ नये सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया है। वशिष्ठ के अनुसार इस पूरे अभियान और गोलीबारी के लिए रामपाल को जिम्मेदार ठहराया गया है और उनके खिलाफ नयी प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा कि दो अन्य प्राथमिकी भी दर्ज की गयी हैं। एक प्राथमिकी 50 समर्थकों द्वारा डीजल डालकर आत्मदाह की कोशिश करने से जुड़ी है जिसे पानी की बौछार से नाकाम कर दिया गया।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

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