दिल्ली में लगातार दूसरे दिन यातायात बुरी तरह प्रभावित
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दिल्ली में लगातार दूसरे दिन यातायात बुरी तरह प्रभावित

डीजल-कैब चालकों के मंगलवार को लगातार दूसरे दिन शहर को पड़ोस के नोएडा और गुड़गांव से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़कों को बंद कर देने और कई डायवर्जनों पर मरम्मत का काम जारी रहने के कारण पूरी राष्ट्रीय राजधानी में यातायात प्रभावित हुआ।

 दिल्ली में लगातार दूसरे दिन यातायात बुरी तरह प्रभावित

नयी दिल्ली: डीजल-कैब चालकों के मंगलवार को लगातार दूसरे दिन शहर को पड़ोस के नोएडा और गुड़गांव से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़कों को बंद कर देने और कई डायवर्जनों पर मरम्मत का काम जारी रहने के कारण पूरी राष्ट्रीय राजधानी में यातायात प्रभावित हुआ।

सुबह के व्यस्त समय के दौरान दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे जैसे महत्वपूर्ण मार्गों के जाम होने की खबर मिली जिससे दफ्तर जाने वाले हजारों लोग प्रभावित हुये। गर्मी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी।

यातायात पुलिस ने दिल्ली और गुड़गांव को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर रेडीसन ब्लू प्लाजा के नजदीक सहित कई जगहों पर दोपहर 12 बजे तक अवरोध समाप्त कर दिया। इन जगहों पर लंबा जाम लगा हुआ था।

उच्चतम न्यायालय के दिल्ली में डीजल टैक्सी पर प्रतिबंध के निर्णय के बाद कानून प्रवर्तन से जुड़ी एजेंसियों की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुये कैब चालकों ने करीब 45 मिनट तक डीएनडी फ्लाईवे को जाम कर दिया।

डीएनडी फ्लाईवे के प्रवक्ता अनवर अब्बासी ने बताया, ‘‘आज सुबह नौ बज कर 45 मिनट से साढ़े दस बजे के बीच 45 मिनट यातायात प्रभावित हुआ। कल यातायात 20 मिनट प्रभावित हुआ था।’’

जिला मजिस्ट्रेट एनपी सिंह ने सभी आईटी, अन्य कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों को डीजल कैबों को सीएनजी में बदलने का निर्देश जारी किया है। नोएड़ा में कंपनियों के लिए 20,000 से अधिक कैब अपनी सेवाएं दे रही हैं और अपने कर्मचारियों को लाने-ले जाने के काम में लगी हुयी है।

भैरों मार्ग पर जारी मरम्मत और कड़कड़ी मोड के नजदीक एक नहर से गाद निकालने के काम के कारण विशेषकर आईटीओ के आसपास के इलाकों में विकास मार्ग जैसी व्यस्त सड़कों पर यातायात का बुरा हाल रहा।

पिछले शनिवार को उच्चतम न्यायालय ने कैब ऑपरेटरों को वाहनों को सीएनजी में बदलवाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया था और एक मई से शहर में डीजल कैबों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस निर्णय का असर डीजल से चलने वाले 27,000 वाहनों पर पड़ा। इनमें से अधिकतर वाहन एप्प पर आधारित उबर और ओला के साथ जुड़े हैं।

यातायात पुलिस ने प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के वाहनों को जब्त करने और मामला दर्ज करने के लिए एक सघन अभियान चलाया है। कैब चालकों के गुस्से को देखते केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय से इस निर्णय की समीक्षा का आग्रह किया है।  

 

 

 

 

 

 

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