उन्नाव रेप: पीड़िता की स्टेटस रिपोर्ट लेने ट्रामा सेंटर पहुंची CBI, SC ने मांगी है रिपोर्ट
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उन्नाव रेप: पीड़िता की स्टेटस रिपोर्ट लेने ट्रामा सेंटर पहुंची CBI, SC ने मांगी है रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की टीम हादसे में घायल पीड़िता और उसके वकील का स्टेटस जानने के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंची है.

 सीजेआई रंजन गोगोई ने सड़क दुर्घटना में घायल पीड़िता के बारे में भी जानकारी मांगी है.

लखनऊ: उन्नाव रेप पीड़िता के रायबरेली में हुए हादसे के बाद रेप पीड़िता जिन्दगी की जंग लड़ रही है. रविवार से उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है. वहीं, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने उन्‍नाव रेप केस और ट्रक-कार एक्‍सीडेंट मामले की जांच प्रगति रिपोर्ट सीबीआई से तलब की है. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. हादसे के 5वें दिन सीबीआई की एक टीम ट्रामा सेंटर पहुंची है.

ताजा जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की टीम हादसे में घायल पीड़िता और उसके वकील का स्टेटस जानने के लिए केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंची है. दरअसल, मामले की सुनवाई दोबारा शुरू करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि सीबीआई उन्‍नाव रेप पीड़िता और अन्‍य के सड़क दुर्घटना मामले में अपनी जांच 7 दिन के अंदर पूरी करें. वहीं, सॉलिसिटर जनरल की ओर से जांच के लिए 30 दिन का वक्‍त मांगा गया था. सीजेआई ने इससे इनकार कर दिया. सीजेआई ने कहा कि मामले की जांच 7 दिन में ही पूरी की जाए. 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने सड़क दुर्घटना में घायल पीड़िता के बारे में भी पूछा. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने जानकारी दी कि पीड़िता अभी भी वेंटिलेटर पर है. सीजेआई ने पूछा कि क्‍या पीड़िता इस स्थिति में हैं कि वह वहां से मूव कर सके? उसे इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा सकता है. हम एम्‍स के डॉक्‍टरों से बात करेंगे. 

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने सड़क दुर्घटना में घायल पीड़िता के बारे में भी पूछा. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने जानकारी दी कि पीड़िता अभी भी वेंटिलेटर पर है. सीजेआई ने पूछा कि क्‍या पीड़िता इस स्थिति में हैं कि वह वहां से मूव कर सके? उसे इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा सकता है. हम एम्‍स के डॉक्‍टरों से बात करेंगे. 

सीजेआई ने यह भी कहा कि दोपहर 2 बजे हम पीड़िता और उसके वकील के इलाज संबंधी मामले पर भी आदेश देंगे. डॉक्‍टर अच्‍छे जज होते हैं. वे ही यह निर्णय लेंगे कि पीड़िता और उसके वकील को इलाज के लिए दिल्‍ली एयरलिफ्ट किया जाए या नहीं.

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