दिल्ली: हवा बेहद दूषित होने पर आपात स्थिति की चेतावनी देने वाली प्रणाली सोमवार से होगी शुरू
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दिल्ली: हवा बेहद दूषित होने पर आपात स्थिति की चेतावनी देने वाली प्रणाली सोमवार से होगी शुरू

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के तहत हवा की गुणवत्ता की लगातार निगरानी के लिए इस प्रणाली को विकसित किया गया है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने पर वायु प्रदूषण की आपात स्थिति की चेतावनी देने वाली प्रणाली सोमवार से काम करने लगेगी. मौसम विभाग, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और मौसम विज्ञान संबंधी विभिन्न शोध संस्थानों द्वारा विकसित की गई इस प्रणाली की शुरुआत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन करेंगे. इसका संचालन विभाग की राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान इकाई द्वारा किया जाएगा. 

विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के तहत हवा की गुणवत्ता की लगातार निगरानी के लिए इस प्रणाली को विकसित किया गया है. इसमें मौसम विभाग सीपीसीबी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और अन्य संबंधित एजेंसियों से मिले हवा की गुणवत्ता के आंकड़ों के आधार पर चेतावनी प्रणाली का संचालन करेगा. 

इस प्रणाली के तहत दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवा बेहद दूषित होने पर अन्य मौसम संबंधी चेतावनियों की तरह वायु प्रदूषण की आपात स्थिति की चेतावनी जारी की जायेगी. इस दौरान डा. हर्षवर्धन चेतावनी प्रणाली से जुड़ी वेबसाइट भी शुरु करेंगे. इसकी मदद से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की क्षेत्रवार स्थिति का पता लगाया जा सकेगा. 

पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के एक महीने में दर्ज हुये 550 मामले
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही इस पर नियंत्रण के ऐहतियाती उपाय सुनिश्चित करने के लिए संबद्ध एजेंसियों ने प्रदूषण मानकों के पालन पर सख्त निगरानी तेज कर दी है.

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इस बाबत प्रदूषण मानकों के उल्लंघन की घटनाओं पर सख्ती बरतते हुए सख्त रवैया अपानाया है. बोर्ड के अनुसार इसका नतीजा है कि पिछले महीने 15 सितंबर के बाद से अब तक दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण मानकों के उल्लंघन की 550 से अधिक घटनायें दर्ज की गई हैं. 

इनमें से लगभग 41 प्रतिशत घटनाएं भवन निर्माण सामग्री और कचरे का नियम विरुद्ध तरीके से किए गए संग्रह से संबंधित हैं. जबकि खुले में कचरा एकत्र करने के 14 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं. 

बोर्ड के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पर्यावरण नियमों के पालन की जांच के लिये गठित 41 निगरानी दलों ने 15 सितंबर से 96 स्थानों पर निरीक्षण किया. इनमें नियमों का उल्लंघन करने के 554 मामलों में कानूनी कार्रवाई की गई. 

इनमें सर्वाधिक 287 मामले दिल्ली में, 61 नोएडा में, 32 गुरुग्राम में और 39 गाजियाबाद में दर्ज किए गए. अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के अलावा आसपास के अन्य शहरों में निगरानी दलों ने पहली बार कार्रवाई की है. 

इनमें धूलभरी कच्ची सड़कों से प्रदूषण के 13 प्रतिशत मामले शामिल हैं जबकि यातायात अवरुद्ध होने से स्थान विशेष पर प्रदूषण बढ़ने के सात प्रतिशत मामले सामने आये हैं. इसके अलावा खुले में कचरा आदि जलाने के तीन प्रतिशत और सड़कों पर धूल उड़ने के पांच प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की गई. 

अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में जांच एवं निगरानी की कार्रवाई को तेज किया जाएगा जिससे तापमान में गिरावट के साथ हवा को दूषित करने वाले तत्व पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में बढ़ोतरी को रोका जा सके. 

(इनपुट -भाषा)

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