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नई दिल्ली : कभी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल बेहद खासमखास रहे योगेंद्र यादव ने अपने पुराने सहयोगी को दो साल बाद चिट्ठी लिखी है. केजरीवाल को लिखे पत्र में यादव ने कहा है कि निगम चुनाव में यदि आप हारती है तो केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. यादव ने आगे कहा है कि आप सरकार के दो साल के कार्यकाल में लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और वापस उन्हीं पार्टियों के पास जाने के लिए मजबूर हैं.
जनता को धोखा देने का आरोप लगाया
यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है. केजरीवाल को शनिवार को लिखे पत्र में यादव ने निगम चुनाव प्रचार में जनता से हुये उनके संवाद का हवाला देते हुये कहा कि आप सरकार के दो साल के कार्यकाल में लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने दो साल पहले आप को मिले ऐतिहासिक जनादेश की वजह दिल्ली की जनता के आत्मबल को बताते हुये लिखा कि दो साल बाद वह जनता के आत्मबल को डगमगाते हुए देख रहे हैं. उन्होंने केजरीवाल को ‘राइट टू रिकॉल’की उनकी पुरानी मांग को याद दिलाते हुये कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान गंदगी और परेशानियों से बेहाल जनता भाजपा से बेहद नाराज दिखी. इतना ही नहीं 2015 के चुनाव में आप को एतिहासिक बहुमत देने वाले दिल्ली के मतदाता भाजपा से नाराज होने के बावजूद हताशा में भाजपा के साथ जाने को मजबूर हैं.
2 साल में अरविंद को मेरा पहला पत्र,
अगर MCD चुनाव में आपकी पार्टी हारती है तो 'रिकाॅल' के सिद्धांत के अनुसार इस्तीफ़ा दें और दोबारा जनमत लें pic.twitter.com/XrQn8790tS— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) April 22, 2017
पुरानी पार्टियों के पास जाने को मजबूर हैं लोग
यादव ने इसके लिये केजरीवाल को जिम्मेवार ठहराते हुये कहा कि आप से धोखा खाने के बाद लोग उन्हीं पुरानी पार्टियों के पास जाने को मजबूर हैं जिन्हे उन्होंने दो साल पहले खारिज कर दिया था. यादव ने जनता का आत्मबल खत्म होने के लिये केजरीवाल को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अभी भी पहले की ही तरह जनता का साथ मिलने का दावा कर पूरे निगम चुनाव को अपनी लोकप्रियता के जनमत संग्रह के रूप में बदल दिया है.
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यादव ने केजरीवाल को प्रस्ताव दिया कि अगर निगम चुनाव में आप को बहुमत मिलता है तो वह अपनी राय को गलत मानते हुये केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार को निशाना बनाने के उनके आरोप का समर्थन करेंगे.
‘राइट टू रिकॉल’ का सिद्धांत याद दिलाया
इसके उलट निगम चुनाव में आप के हारने पर उन्होंने केजरीवाल से ईवीएम में गड़बड़ी का बहाना बनाने के बजाय नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर ‘राइट टू रिकॉल’ के सिद्धांत के आधार पर फिर से विधानसभा में बहुमत पाने के लिये जनता की शरण में जाने का अनुरोध किया. यादव के पत्र पर हालांकि आप या केजरीवाल की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गयी है.
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