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नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा और इसके संसदीय बोर्ड के सदस्यों को राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी के उस आवेदन पर जवाब देने का निर्देश दिया जिसमें मई 2013 में बोर्ड से उनके निष्कासन से संबंधित एक मामले में सबूत दर्ज करने के लिए एक स्थानीय आयुक्त नियुक्ति करने की मांग की गई है।
भाजपा और उसके संसदीय बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह ने उन्हें जेठमलानी की याचिका पर तीन हफ्तों के भीतर अपना जवाब देने को कहा। वरिष्ठ अधिवक्ता को मई 2013 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने बोर्ड के कुछ सदस्यों की खुलेआम आलोचना की थी। इन्हीं सदस्यों के खिलाफ उन्होंने पार्टी से निष्कासन को लेकर वाद दायर किया है।
वरिष्ठ नेता की ओर से पेश वकील आशीष दीक्षित ने अदालत से यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि अदालत द्वारा नियुक्त एक आयुक्त द्वारा समयपाबंद तरीके से सबूत दर्ज किये जाएं।