Delhi High Court: 'सम्राट पृथ्वीराज' की जाति को लेकर विवाद का दिल्ली HC ने किया निपटारा, अब इस दिन रिलीज होगी फिल्म
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Delhi High Court: 'सम्राट पृथ्वीराज' की जाति को लेकर विवाद का दिल्ली HC ने किया निपटारा, अब इस दिन रिलीज होगी फिल्म

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज को लेकर सवाल उठाने वाली याचिका का निपटारा किया. याचिककर्ता का कहना था कि इस फिल्म में पृथ्वीराज को राजपूत राजा की तरह दिखाया गया है, जबकि वो गुर्जर समाज से आते हैं.

Delhi High Court: 'सम्राट पृथ्वीराज' की जाति को लेकर विवाद का दिल्ली HC ने किया निपटारा, अब इस दिन रिलीज होगी फिल्म

Samrat Prithviraj: अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज (Samrat Prithviraj) 3 जून को ही रिलीज होगी. हाई कोर्ट ने फिल्म को लेकर सवाल उठाने वाली याचिका का निपटारा किया. याचिककर्ता का कहना था कि इस फिल्म में पृथ्वीराज को राजपूत राजा की तरह दिखाया गया है, जबकि वो गुर्जर समाज से आते हैं. वहीं सेंसर बोर्ड और फिल्म प्रोड्यूसर की तरह कहा गया कि फिल्म में सम्राट पृथ्वीराज की जाति को लेकर कोई बात नहीं की गई है, उन्हें सिर्फ भारतीय सम्राट की तरह दिखाया गया है.

कोर्ट में पृथ्वीराज के राजपूत होने पर सवाल

याचिकाकर्ता के वकील की ओर से कोर्ट में कहा गया कि ये फिल्म चंदबरदाई की लिखी किताब पृथ्वीराज रासो पर आधारित है. ऐतिहासिक किताबों में इसका जिक्र है कि पृथ्वीराज के पिता भी गुर्जर थे. इसके बावजूद बुक माई शो और विकिपीडिया जैसी वेबसाइट पर इस फिल्म को राजपूत राजा की कहानी की तरह दर्शाया गया है. ये गुर्जर समुदाय के लोगों की भावना को आहत कर रहा है.

सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माता का जवाब

याचिका में उठाई गई आपत्ति पर सेंसर बोर्ड की तरह से पेश वकील ने कहा है कि फिल्म में सम्राट पृथ्वीराज की जाति को लेकर कोई बात ही नहीं है. फिल्म के कंटेंट को पूरी तरह परखने के बाद ही सर्टिफिकेट जारी किया गया है. प्रोड्यूसर यशराज फिल्म की ओर से पेश वकील ने भी कहा कि इस फिल्म में पृथ्वीराज को एक भारतीय सम्राट की तरह दिखाया गया है. उनका कंट्रोल सिर्फ फिल्म के पोस्टर को लेकर है, वेबसाइट पर उसे लेकर क्या लिखा जा रहा है, उस पर नियंत्रण नहीं हैं.

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ये है फिल्म का उद्देश्य

इस पर कोर्ट ने पूछा कि फिल्म के प्रोड्यूसर अपना स्टैंड स्पष्ट करने के लिए आधिकारिक बयान क्यों नहीं जारी कर देते. इस पर सेंसर बोर्ड के वकील की ओर से कहा गया कि फिल्म का मकसद पृथ्वीराज को किसी जातिगत पहचान में न बांटकर उन्हें एक भारतीय सम्राट की तरह पेश करना था. फिल्म निर्माताओं ने उस वक्त उम्मीद भी नहीं की थी कि ऐसा विवाद होगा.

राजपूत समाज भी जता चुके हैं आपत्ति

फिल्म निर्माता के वकील की ओर से बताया गया है कि कोर्ट में सिर्फ ये ही विवाद का मसला नही है, अदालत में राजपूत समुदाय के लोगों की ओर से भी याचिकाएं दायर हुई हैं. उन्हें ये आपत्ति थी कि फिल्म में पृथ्वीराज को गुर्जर राजा की तरह दिखाया गया है. इस वजह से हम कशमकश में थे. जबकि हकीकत ये है कि फिल्म में पृथ्वीराज की जाति को लेकर कोई बात नहीं की गई. बहरहाल हाई कोर्ट ने फिल्म प्रोड्यूसर के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए याचिका का निपटारा कर दिया.

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