दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली सरकार से सवाल किया कि जब कोविड-19 (Covid-19 के मामले लगातार मामले बढ़ रहे हैं तो नियमों में ठील क्यों दी जा रही है?
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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में बेकाबू होते कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि जब लगातार मामले बढ़ रहे हैं तो नियमों में ठील क्यों दी जा रही है. क्या आपके पास 'खतरनाक' स्थिति से निपटने के लिए कोई रणनीति है.
दिल्ली सरकार ने क्या उठाए कदम: हाई कोर्ट
जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि जब दिल्ली में पिछले दो सप्ताह से महाराष्ट्र और केरल से ज्यादा मामले आ रहे हैं. तो सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं? कोर्ट ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय राजधानी में 10 नवंबर को कोरोना वायरस के 8593 नए केस आए और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. अभी शहर में कंटेनमेंट जोन की संख्या 4016 है.
सिरो सर्वे में 25 प्रतिशत लोग संक्रमित
हाई कोर्ट ने कहा है कि नवीनतम सिरो सर्वे रिपोर्ट बताती है कि 25 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाया गया है. जिसका अर्थ है कि दिल्ली में चार में से एक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित है. कोर्ट ने सवाल किया कि ऐसी स्थिति में अन्य राज्य प्रतिबंध लगा रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार सार्वजनिक सभाओं और परिवहन के संचालन सहित सभी मानदंडों में ढील दे रही है, क्या सतर्कता को ताक पर रख दिया गया है?
दिल्ली में कोरोना के 41385 एक्टिव केस मौजूद
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में मंगलवार (10 नवंबर) को 8593 नए केस सामने आए हैं और अब तक यहां 451382 लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 7143 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दिल्ली में अब तक 402854 लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं, लेकिन अभी भी 41385 लोगों का इलाज चल रहा है.
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