नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने नियमों का उल्लंघन (Violation) करने के आरोप में एक महिला का ट्विटर अकाउंट (Twitter Account) ‘अवैध रूप से’ बंद करने के मामले में सोमवार को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर (Micro Blogging Platform Twitter) से जवाब मांगा. 


कंपनी और केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस


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न्यायमूर्ति वी कमेश्वर राव ने डिम्पल कौल की याचिका (Petition) पर कंपनी और केंद्र सरकार (Central Government) को नोटिस (Notice) जारी कर उनसे जवाब तलब किया. कौल ने दावा किया है कि उनके ट्विटर हैंडल (Twitter Handle) पर 2 लाख 55 हजार से ज्यादा फॉलोअर थे और वह इस पर इतिहास, साहित्य (Literature), राजनीति, पुरातत्व (Archeology), भारतीय संस्कृति, अहिंसा, समानता और महिलाओं के अधिकारों से संबंधित शिक्षाप्रद सामग्री पोस्ट (Educational Material Post) करती थीं. 


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ट्विटर अकाउंट को बंद करने के खिलाफ दायर की याचिका 


अदालत (Court) ने सुयश दीप राय की याचिका पर भी नोटिस जारी किया. उन्होंने भी अपने ट्विटर अकाउंट को बंद करने के खिलाफ याचिका दायर की है. दोनों याचिकाकर्ताओं (Petitioners) की ओर से वकील राघव अवस्थी पेश हुए और दलील दी कि ट्विटर अपनी मर्जी से लोगों के अकाउंट डिलीट (Delete Account) कर रहा है और उसे कानून (Law) के मुताबिक ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि याचिका के लंबित रहने तक ट्विटर अकाउंट बहाल (Twitter Account Restored) किए जाएं.


'ट्विटर के खिलाफ रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं'


ट्विटर (Twitter) की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) सजन पूवय्या ने कहा कि ट्विटर के खिलाफ रिट याचिका (Writ Petition) सुनवाई योग्य नहीं है जो एक निजी संस्था (Private Foundation) है. उन्होंने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा. अवस्थी ने बताया कि एक वरिष्ठ अधिवक्ता का ट्विटर अकाउंट बंद करने के खिलाफ उनकी इसी तरह की याचिका अदालत में पहले से लंबित (Pending) है. 



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लंबित याचिका की सुनवाई 30 मार्च को होगी


अदालत (Court) ने कहा, 'हम आखिरकार याचिकाओं (Petitions) की सुनवाई (Hearing) करेंगे.' अदालत ने इन याचिकाओं को उसी दिन सूचीबद्ध (Listed) करने का निर्देश (Instructions) दिया जब पहले से लंबित याचिका (Pending Petition) की सुनवाई होनी है यानी 30 मार्च को.


(इनपुट - भाषा)


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