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Arvind Kejriwal Singapore visit: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा पर चल रहे सियासी घमासान के बाद आखिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनका आवेदन खारिज कर दिया है. इससे साफ है कि अब केजरीवाल सिंगापुर की यात्रा पर नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनकी फाइल को रिजेक्ट कर दिया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री को सिंगापुर में एक समिट में हिस्सा लेने के लिए जाना है और उनका आरोप है कि केंद्र सरकार इसकी मंजूरी देने में बाधा पहुंचा रही है. इसके लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले दिनों एक चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें यात्रा को मंजूरी देने में हो रही देरी को गलत बताया था.
LG ऑफिस ने बताई ये वजह
‘वर्ल्ड सिटीज समिट' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर के हाई कमिश्नर ने केजरीवाल को न्योता दिया था, जहां उन्हें अगस्त में ग्लोबल लीडर्स के सामने 'दिल्ली मॉडल' के बारे में जानकारी देनी थी. उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की सिंगापुर यात्रा के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि मेयर की समिट में हिस्सा लेना मुख्यमंत्री के लिए ठीक नहीं है. इससे पहले केजरीवाल ने आरोप लगाया कि एक महीने पहले सिंगापुर यात्रा की इजाजत मांगी गई थी लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने इस दौरे को मंजूरी नहीं दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं वहांं देश का नाम रोशन करने के लिए जाना चाहता हूं.
अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों कहा कि मैं कोई अपराधी नहीं हूं बल्कि एक चुना हुआ मुख्यमंत्री और देश का एक आजाद नागरिक हूं. मुझे सिंगापुर जाने से रोकने का कोई कानूनी आधार नहीं है और मुझे रोकने के पीछ कोई सियासी साजिश लगती है. सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग ने जून में केजरीवाल को इस समिट का न्योता दिया था. यह समिट अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाली है. दिल्ली के मुख्यमंत्री को पहले दिन आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सिंगापुर जाना चाहते थे.
विदेश यात्रा की मंजूरी लेना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आमतौर पर विदेश यात्राओं पर नहीं जाते, लेकिन सिंगापुर सम्मेलन में हिस्सा लेना चाहते हैं क्योंकि यह देश के विकास से जुड़ा है. केजरीवाल की विदेश यात्रा पर कोई पहली बार विवाद नहीं हो रहा है, इससे पहले भी 2019 में डेनमार्क की यात्रा के लिए भी केजरीवाल को विदेश मंत्रालय से इजाजत नहीं मिली थी. इसके बाद उन्होंने वर्चुअली वहां आयोजित समिट को संबोधित किया था.
किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री, सांसद या जनप्रतिनिधि को विदेश यात्रा से पहले केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होती है, उसका दौरा सरकारी हो या फिर निजी. यही वजह है कि सिंगापुर में आयोजित समिट में हिस्सा लेने से पहले केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल जो कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं, के पास अपनी यात्रा की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा था.
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