Delhi MCD New Mayor: दिल्ली में मेयर का कोई सीधे तौर पर चुनाव नहीं होता. जीतने वाले पार्षद ही मेयर को चुनते हैं. जो पार्टी एमसीडी चुनाव में जीतती है, उसका कार्यकाल 5 साल का होता है. लेकिन एक ही शख्स 5 साल तक मेयर रहे, ऐसा नहीं होता.
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How Mayor is Elected in Delhi: अगर एग्जिट पोल पर यकीन करें तो दिल्ली एमसीडी पर इस बार आम आदमी पार्टी जीत का परचम लहरा सकती है. मतगणना शुरू होने के बाद तस्वीर साफ होती चली जाएगी. दिल्ली में एमसीडी पर पिछले 15 साल से बीजेपी का कब्जा है और उसके इस सफर पर एग्जिट पोल में ब्रेक लगते नजर आ रहे हैं. ऐसे में चर्चा ये शुरू हो गई है कि अगर आम आदमी पार्टी एमसीडी चुनावों में जीत दर्ज करती है तो मेयर कौन बनेगा. BARC के एग्जिट पोल (EXIT POLL) के अनुसार, एमसीडी चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) को 134-146, बीजेपी (BJP) को 82-94, कांग्रेस (Congress) को 8-14 और अन्य को 14-19 वार्डों में जीत मिल सकती है.
कैसे चुना जाता है मेयर?
दिल्ली में मेयर का कोई सीधे तौर पर चुनाव नहीं होता. जीतने वाले पार्षद ही मेयर को चुनते हैं. जो पार्टी एमसीडी चुनाव में जीतती है, उसका कार्यकाल 5 साल का होता है. लेकिन एक ही शख्स 5 साल तक मेयर रहे, ऐसा नहीं होता. पहले दिल्ली में 3 एमसीडी थी, अब एक है. मेयर या महापौर का कार्यकाल एक साल का होता है. हर साल पार्षद मेयर का चुनाव करते हैं.
फॉर्मूला क्या है?
मेयर के 5 साल के कार्यकाल में पहला साल महिला पार्षद के लिए आरक्षित होता है. जबकि तीसरा अनुसूचित जाति के लिए. बाकी बचे 3 साल मेयर का पद अनारक्षित होता है. इसलिए हर साल पार्षद मेयर चुनते हैं.
रेस में ये नाम हैं आगे
दिल्ली के 250 वार्ड्स में से ज्यादातर पर आम आदमी पार्टी ही एग्जिट पोल में जीत दर्ज करती दिख रही है. अगर ये आंकड़े हकीकत में तब्दील होते हैं तो पहले साल किसी महिला को मेयर बनाया जाएगा. इस रेस में दिल्ली महिला आयोग की सदस्य रहीं प्रोमिला गुप्ता, आप की महिला इकाई की प्रदेश संयोजक निर्मला देवी और पार्टी नेता कैप्टन शालिनी सिंह शामिल हैं. कुछ अन्य नाम भी दौड़ में हैं, जिन पर नतीजे आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.
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