Delhi-Meerut RRTS Trial Run: देश का पहला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) जल्द शुरू होने वाला है. दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर के दुहाई डिपो-साहिबाबाद सेक्शन को जल्द ही खोलने की तैयारी चल रही है.
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Delhi-Meerut RRTS Corridor rapid rail: दिल्ली-मेरठ RRTS मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है. इस रैपिड रेल का ट्रायल रन हो चुका है. कॉरिडोर पर 30 रैपिड ट्रेनें दौड़ेंगी. शुरुआत में 13 को संचालन की अनुमति दी जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बार पूरी तरह से ये ऑपरेशन शुरू होने पर दिल्ली-मेरठ ट्रांजिट बस 50 मिनट में संभव हो जाएगा.
NCR की 'मिनी बुलेट ट्रेन'
इस रैपिड रेल को एनसीआर (NCR) की मिनी बुलेट ट्रेन के रूप में देखा जा रहा है. इसके कोच दिखने में बेहद खूबसूरत हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रैपिड रेल सिस्टम के साहिबाबाद-दुहाई सेक्शन पर ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा. यह प्रणाली यात्रा किए गए किलोमीटर के आधार पर स्वचालित रूप से यात्रियों के किराए में कटौती करेगी. इससे यात्रियों का समय बचेगा और स्टेशनों पर भीड़ नहीं लगेगी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस RRTS में सफर करने वालों को एकदम नया अनुभव मिलेगा.
NCR की नई रफ्तार क्रांति
यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. जिसकी टॉप स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. पहले चरण की शुरुआत गाज़ियाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर की यात्रा होने जा रही है. जिसके इसी साल जून से चलने की पूरी उम्मीद है. इस पूरे कॉरिडोर की लंबाई 82 किलोमीटर है और इस प्रोजेक्ट के साल 2025 में पूरा होने की उम्मीद है.
सीट पर लगे 'कान'
इस बीच रैपिड रेल के कोच की कुछ इनसाइड तस्वीरें सामने आई हैं.अभी तक आपने रैपिड रेल को बाहर से ही देखा होगा लेकिन पहली बार अब पूरी तरह से तैयार रैपिड रेल के अंदर से देखिए.
दिखने में इसका लुक कुछ-कुछ दिल्ली की मेट्रो ट्रेन जैसा है. इस RRTS के कोच में जो सीटें लगी हैं, उनमें स्पेशल हैंडल दिए गए हैं ताकि पेसेंजर्स को खड़े होकर सफर करने की स्थिति में ज्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े. दिखने में ये सीट के 'कान' जैसे लगते हैं. वहीं खड़े होकर सफर करने वाले मुसाफिरों के लिए दिल्ली मेट्रो की तरह ट्रेन की छत पर हैंडल भी लगे हैं. यानी कुल मिलाकर इस ट्रेन में वो सारी सुविधाए हैं जो स्पीड से चलने वाली ट्रेन के सफर में बेहद जरूरी है.
रैपिड रेल की खासियत
इस ट्रेन के कोच सफेद और नीले रंग के हैं. इन कोच के एंट्री गेट पर मेट्रो ट्रेन की तरह सेंसर लगे हैं ताकि किसी भी तरह के हादसे से बचा जा सके. इसमें बैठने के लिए अच्छा खासा स्पेस दिया गया है. इसके साथ ही इस ट्रेन में सीसीटीवी और यात्रियों के लिए फ्री wifi की सुविधा भी होगी. इस ट्रेन में दिव्यांंगो के लिए दरवाजों के पास व्हील चेयर की जगह है.
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