कुलवंत सिंह/यमुनानगर: हरियाणा बिजली वितरण निगम में 50 करोड़ के फर्जीवाड़ा में एक और एक्सईएन गिरफ्तार कर लिया गया है. ऑडिट रिपोर्ट में अभी तक 50 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है. ऑडिट में फर्जीवाड़े की रकम बढ़ती जा रही है. इस दौरान तैनात रहे एक्सईएन से लेकर कई अधिकारियों की इसमें मिलीभगत मिली है. इस मामले में एक कार्यकारी अभियंता कि पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि कुलवंत सिंह नामक कार्यकारी अभियंता को गिरफ्तार करके पानीपत पुलिस अपने साथ ले गई. इसके अलावा इसी अवधि में कार्यरत रहे एक और कार्यकारी अभियंता जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अपनी अग्रिम जमानत का प्रयास कर रहे हैं.


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यमुनानगर बिजली वितरण निगम में अभी वर्ष 2018 से 2022 तक का ऑडिट हुआ है. इसमें करीब 50 करोड़ रुपये का गबन पकड़ में आया है. ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर तीन एक्सईएन सहित 10 अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े का जिम्मेदार माना जा रहा है. इनमें डिविजनल अकाउंटेंट योगेश लांबा, एलडीसी राघव वधवा, एएलएम मनहर व सीए पूजा गेरा को पानीपत पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 


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इन्हें निलंबित भी किया जा चुका है. यमुनानगर के बिलासपुर में कार्यकारी अभियंता नीरज कुमार को पहले ही पानीपत पुलिस गिरफ्तार करके ले जा चुकी है. अब पुलिस टीम शुक्रवार को यमुनानगर पहुंची और कुलवंत सिंह कार्यकारी अभियंता को गिरफ्तार करके अपने साथ ले गई. इसी अवधि में जगाधरी सब-डिवीजन में तैनात रहे कार्यकारी अभियंता का नाम भी फर्जीवाड़े में शामिल है. अब यह कार्यकारी अभियंता सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अपनी अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय की शरण में गए हैं.


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बिजली निगम के एसई राजेंद्र कुमार ने बताया कि जगाधरी डिवीजन में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की राशि का फ्रॉड हुआ था. जिसमें सीआईए पानीपत में केस दर्ज है. इस मामले में एक्सईएन कुलवंत सिंह को पूछताछ के लिए पुलिस अपने साथ ले गई है. अभी पूरी रिपोर्ट आनी बाकि है, लेकिन 49 करोड़ के घोटाले का पता चला है. दो-तीन साल का ऑडिट होना अभी बाकी है. उन्होंने बताया कि अभी तक घोटाले में 6 लोगों के नाम ऑडिट में सामने आए हैं.


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