Advocate Rajat Kalsan: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मशहूर दलित अधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता रजत कलसन को जान से मारने की धमकी के मामले में संज्ञान लेते हुए हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने गृह विभाग को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है. आयोग ने फैसला किया है कि वह इस मामले में खुद जांच करेंगे.


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26 अप्रैल को दी थी शिकायत
अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया कि 26 अप्रैल को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के दिल्ली स्थित कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष किशोर मकवाना के समक्ष पेश होकर आपबीती सुनाई थी. कलसन ने आयोग के अध्यक्ष को बताया कि उन्होंने हरियाणा के कुख्यात मिर्चपुर हत्याकांड और आगजनी के मुकदमे में पीड़ित वाल्मीकि समाज के लोगों की पैरवीकर दिल्ली की विशेष अदालत व हाईकोर्ट से 33 आरोपियों को सजा कराने का काम किया था, जिसमें 12 आरोपियों को मर्डर और एससीएसटी एक्ट की धाराओं में उम्र कैद की सजा हुई थी. इसी तरह दलित अत्याचार के करीब एक दर्जन से अधिक संगीन अपराधों के मुकदमों में आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे भिजवाया है, जिसके चलते जातिवादी मानसिकता के अपराधी उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानने लगे हैं और उन्हें जान से करने के मकसद के लिए जेल में साजिश रच रहे हैं.


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10 साल तक सुरक्षा उपलब्ध
कलसन ने आयोग को बताया कि जान के खतरे के चलते उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हरियाणा पुलिस ने करीबन 10 साल तक सुरक्षा उपलब्ध कराई थी लेकिन अब राजनीतिक कारणों से मौजूदा सरकार और हरियाणा पुलिस ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली. कलसन ने आयोग को बताया कि उनके कुछ क्लाइंट्स आपराधिक मुकदमों में हिसार जेल मे कुछ समय के लिए न्यायिक हिरासत में रहे हैं तथा उन्होंने जमानत पर आकर उन्हें बताया कि जेल के अंदर एक विशेष बैरेक में मिर्चपुर कांड, मीरकां कांड, डाबडा गैंगरेप केस कांड, सिसाय मर्डर केस, सुल्तानपुर रेप केस और कई अन्य मुकदमों जिनमे वो वकील हैं या रहे हैं उन मुकदमों के सजायाफ्ता और अंडर ट्रायल कैदी वकील को जान से मारने का प्लान बना रहे थे, उन क्लाइंट्स ने बताया कि कलसन को मारने के लिए जेल से बाहर रुपए भी इकट्ठे किए गए हैं तथा जेल से फरार एक गैंगस्टर को मारने की सुपारी दी गई है. उसका क्लाइंट ने यह भी बताया कि उनके घर व ऑफिस की रेकी भी हो चुकी है तथा संभावित तौर पर i20 कार वारदात में शामिल हो सकती है.


गृह विभाग को नोटिस जारी
कलसन ने बताया कि इस मामले में आयोग ने हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है. अगर 15 दिन के अंदर उक्त अधिकारी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो आयोग इस मामले में हरियाणा के डीजीपी गृह सचिव को अपने कार्यालय में तलब कर सकते हैं.


INPUT- Rohit Kumar