International Gita Festival: आज अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का दूसरा दिन है, जहां विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी परंपरागत नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं. यह महोत्सव न केवल सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है, 
बल्कि भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान भी दर्शाता है. 


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लखनऊ के कलाकारों का मनरा नृत्य
लखनऊ से आए कलाकारों ने महोत्सव में मनरा नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे दर्शकों का भारी जमावड़ा देखने को मिला. इस नृत्य के दौरान पर्यटक न केवल नृत्य का आनंद ले रहे थे, बल्कि उनके साथ झूमते भी नजर आए. मुख्य कलाकार निधि श्रीवास्तव ने बताया कि यह उनका पहला अनुभव है और वह यहां आकर बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि समय भले ही बदल रहा है, लेकिन परंपरागत नृत्य को जीवित रखना आवश्यक है. मनरा नृत्य महिलाओं और मनिहार के बीच चूड़ियों की खरीदारी के दौरान होने वाली बातचीत को दर्शाता है.


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नृत्य की परंपरा
मनरा नृत्य की परंपरा कई दशकों से चली आ रही है. यह नृत्य उस समय का प्रतीक है जब महिलाएं चूड़ियां खरीदने के लिए मनिहार के साथ बातचीत करती थीं. निधि ने बताया कि उनके समूह में 13 कलाकार शामिल हैं, जो इस नृत्य को जीवित रखने के लिए युवा कलाकारों को जोड़ रहे हैं. उनका नृत्य और गायन की कला अद्वितीय है. हालांकि, यहां कुछ ही लोग इसे समझ पाते हैं, लेकिन उनकी नृत्य शैली लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देती है. समूह की गायिका नीरजा श्रीवास्तव ने भी अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि यह उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव है और उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लगा है.


कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का योगदान
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा इस महोत्सव को भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों के कोनों तक पहुंचने के लिए किए गए प्रयास सराहनीय हैं. इस महोत्सव के माध्यम से कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं और लोगों का दिल जीत रहे है. 


Input: DARSHAN KAIT