Ram Mandir: नोएडा में बांटा जा रहा राम जन्मभूमि पूजित अक्षत, अब तक 3.5 लाख परिवारों में हुआ वितरित
Ram Mandir: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जन्मभूमि पर पूजित अक्षत पूरे देश के राम भक्त परिवारों तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. नोएडा में 950 टोली (team) बनाई गई हैं, जो अक्षत वितरण का काम कर रही हैं.
Ram Mandir: अयोध्या में रामलला (Ramlalla) की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में जश्न का माहौल है. 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही देशभर के मंदिरों में पूजन और अनुष्ठान किया जाएगा.रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए एक ओर जहां देश के चुनिंदा लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अक्षत वितरण भी किया जा रहा है. अयोध्या के आयोजन में शामिल होने के लिए आरएसएस, विहिप और संघ के सभी संगठनों के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अक्षत वितरित करके निमंत्रण दे रहे हैं.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जन्मभूमि पर पूजित अक्षत पूरे देश के राम भक्त परिवारों तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. देश के लगभग 13 करोड़ से अधिक परिवारों तक अक्षत पहुंचाने के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य तत्परता के साथ काम कर रहे हैं. नोएडा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के द्वारा नोएडा में अक्षत वितरण का काम किया जा रहा है. अक्षत वितरण के लिए नोएडा में 950 टोली (team) बनाई गई हैं और अभी तक लगभग 3.5 लाख परिवारों तक अक्षत वितरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है. अक्षत प्राप्त होने पर समाज के लोग अत्यंत प्रसन्न है और कई जगह लोगों को भावुक होते भी देखा गया है. नोएडा महानगर में अक्षत वितरण अभियान के संयोजक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर कार्यवाह सतेंद्र नारायण सिंह को बनाया गया है.
ये भी पढ़ें- Ram Mandir: आमजन ही नहीं देवगण भी बनेंगे रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के गवाह, ढोल-नगाड़ों के साथ ईश्वर को निमंत्रण
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का मुहूर्त
राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए महज 84 सेकंड का मुहूर्त है, जो 22 जनवरी को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहेगा. इस दौरान रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले ही इस भव्य आयोजन की शुरुआत हो जाएगी. 15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले रामलला के बालरूप की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद 16 जनवरी को रामलला के विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान, 17 जनवरी को रामलला को नगर भ्रमण कराया जाएगा. इसके बाद 18 जनवरी से प्राण-प्रतिष्ठा के आयोजनों की शुरुआत होगी.