महिलाएं शाम होते ही भजन कीर्तन शुरू कर देती हैं और शराब की दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ दुकान पर आने वाले ग्राहकों की सद्बुद्धि के लिए भी भगवान से प्रार्थना करती रहती हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में एक तरफ जहां आबकारी नीति को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी (BJP) के बीच शुरू हुई जंग अब तक जारी है, वहीं गुरुवार को एक अजीब ही नजारा दिखाई दिया, जब शराब से जुड़े मुद्दे को लेकर दोनों दल एक साथ नजर आए. इतना ही नहीं कांग्रेस (Congress) के नेताओं ने उनके सुर में सुर मिलाया.
दरअसल ख्याला में इसी महीने की शुरुआत में शराब की दुकान खोली गई थी, जिसका तभी से स्थानीय निवासी विरोध कर रहे हैं. 21 दिन से अधिक समय बीतने के बावजूद भी अब तक दुकान चल रही है. अब विरोध का मोर्चा इलाके की महिलाओं ने संभाल लिया है. वे रोज सुबह 10 बजे से लेकर शराब की दुकान बंद होने तक यहीं जमी रहती हैं, जिसमें हर उम्र की महिलाएं शामिल हैं.
ये भी पढ़ें : हिसार में नशा तस्करी के दो आरोपियों के मकान ढहाए, विरोध में बेघर परिजन ने किया प्रदर्शन
कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से पीड़ित महिलाएं भी शामिल हो रही हैं. उनका कहना है यह बीमारी तो कैंसर से भी बड़ी है, जिसके लिए वह अपना दुख दर्द भूलकर इस विरोध प्रदर्शन में जुटी हैं, ताकि किसी भी हालत में यहां शराब की दुकान बंद हो. महिलाएं शाम होते ही भजन कीर्तन शुरू कर देती हैं और शराब की दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ दुकान पर आने वाले ग्राहकों की सद्बुद्धि के लिए भी भगवान से प्रार्थना करती रहती हैं. अब तो इस लड़ाई में क्या बीजेपी, क्या आम आदमी पार्टी और क्या कांग्रेस सभी पार्टी के नेता एकजुट होकर इस शराब की दुकान को बंद कराने के लिए लामबंद हो गए हैं.
जनप्रतिनिधियों की घेराबंदी करने की चेतावनी
आप नेता रीटा रानी, बीजेपी नेता परमजीत कौर और कांग्रेस नेता विजय झा का कहना है जब मुद्दा क्षेत्र की सुरक्षा से जुड़ा है तो हम दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. महिलाओं के साथ-साथ इलाके के लोगों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही शराब के ठेके को यहां से शिफ्ट नहीं किया गया तो वह एमसीडी के डीसी, डीएम और जनप्रतिनिधियों की घेराबंदी और सड़क पर धरना प्रदर्शन करेंगे.
दुकान के सामने गुजरने से लगता है डर
दरअसल कॉलोनी और मार्केट के साथ वाली बने जगह पर शराब की दुकान खोली गई है, उसी रास्ते से होकर बच्चे स्कूल और महिलाएं बाजार जाती हैं. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि शराब की दुकान खोलने के बाद से माहौल खराब होना शुरू हो गया है. बच्चों को अकेले भेजने या खुद निकलने में डर लगा रहता है. पहले भी यहां शराब की दुकान थी, तब 2013 में यहीं एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी.