सरकारी अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत, लंबी कतार और सुविधाओं के बीच उम्मीद लगाए बैठे मरीज
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सरकारी अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत, लंबी कतार और सुविधाओं के बीच उम्मीद लगाए बैठे मरीज

देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्रामः साइबर सिटी गुरुग्राम मेडिकल हब के रूप में जाना जाता है, लेकिन गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत है. मरीजों की लंबी कतार और सुविधाओं के बीच इलाज की उम्मीद लगाए बैठे यह मरीज अस्पताल तो आते हैं अपना इलाज कराने, लेकिन यहां के हालात कुछ और ही बयां करते हैं.

सरकारी अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत, लंबी कतार और सुविधाओं के बीच उम्मीद लगाए बैठे मरीज

देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्रामः साइबर सिटी गुरुग्राम मेडिकल हब के रूप में जाना जाता है, लेकिन गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत है. मरीजों की लंबी कतार और सुविधाओं के बीच इलाज की उम्मीद लगाए बैठे यह मरीज अस्पताल तो आते हैं अपना इलाज कराने, लेकिन यहां के हालात कुछ और ही बयां करते हैं. गुरुग्राम में एकमात्र सरकारी अस्पताल है और यही कारण है कि 30 लाख से ज्यादा आबादी किस शहर में दूसरे प्रदेशों से आए हुए लोगों की संख्या भी बड़े पैमाने पर इस शहर में रहते हैं.

लेकिन, इस बीच गुरुग्राम में देश-विदेश से इलाज के लिए लोग आते हैं मेडिकल हब के रूप में गुरुग्राम को जाना जाता है लेकिन इसके बावजूद यहां के गरीब लोगों को इलाज के लिए दर बदर की ठोकरें खानी पड़ती है. गुरुग्राम के सेक्टर-10 सरकारी अस्पताल की कुछ तस्वीर यही बयां करती है कि लंबी कतारों में गर्मी के बीच अपने इलाज के लिए अस्पताल में तो आते हैं.

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उस परेशानी के बीच घंटों लाइन में खड़े रहते हैं मगर जिस बेहतर इलाज की उम्मीद के साथ अस्पताल में आते हैं शायद वह इलाज उन्हें नहीं मिल पाता और धक्का-मुक्की के बीच बीमारी के साथ एक बार फिर अपने स्तर पर लेकर वापस घर लौट जाते हैं. अस्पताल में लगी इस लंबी भीड़ का कारण डॉक्टरों की कमी नहीं बल्कि अस्पतालों की कमी है. गुरुग्राम के सिविल लाइन में सरकारी अस्पताल कंडम होने के बाद उसे खाली कर दिया गया.

इसके बाद सारा दबाव सेक्टर-10 के सरकारी अस्पताल पर आ गया यहां सरकार के द्वारा दी जाने वाली तमाम सुविधाएं और फ्री टेस्ट की सुविधा तो उपलब्ध है, लेकिन लोगों की संख्या इतनी ज्यादा यहां रहती है कि लोग परेशानियों के बीच अपना इलाज कराने यहां पहुंचते हैं. अस्पताल के डॉक्टर्स भी इस बात को मानते हैं कि गुरुग्राम में सरकारी अस्पतालों की कमी है और उसका यही कारण है कि लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और गर्मी जैसे-जैसे बढ़ती है कुछ भी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है.

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गुरुग्राम की बात की जाए तो अब रोजाना 2400 OPD गुरुग्राम सेक्टर-10 अस्पताल आती है. गुरुग्राम मेडिकल होने के बावजूद यहां प्राइवेट अस्पतालों में गरीब लोगों के लिए इलाज कराना बड़ा मुश्किल है और यही कारण है कि उमीद के साथ लोग सरकारी अस्पताल में आते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में भी असुविधा होने के चलते लोगों को दर बदर की ठोकरें खानी पड़ती है और लाख दावे तो किए जाते हैं.

उन दावों के बीच कहीं ना कहीं यह साफ है कि सरकार को इस बाबत संज्ञान लेना चाहिए और स्वास्थ्य मंत्री को गुरुग्राम के स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर करने के लिए धरातल पर काम कराने की जरूरत है. गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में जो सुविधा लोगों के लिए यहां रखी गई है उस बीच तमाम शुगर लीवर किडनी हर्ट के टेस्ट मुफ्त में किए जाते हैं लेकिन लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या और एकमात्र सरकारी अस्पताल होने के कारण यहां सुविधाएं भी असुविधा में तब्दील हो चुकी है.

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