हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को 47 साल बाद मिली दिल्ली यूनिवर्सिटी से उनकी डिग्री
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को 47 साल बाद मिली दिल्ली यूनिवर्सिटी से उनकी डिग्री

मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि वे लम्बे समय से चाहते थे, कि उन्हें यूनिवर्सिटी में आकर बोलने का मौका मिले. 1975 में मैंने यहां से ग्रेजुएशन की थी. इस दौरान उन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से डिग्री प्रदान की गई.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को 47 साल बाद मिली दिल्ली यूनिवर्सिटी से उनकी डिग्री

नई दिल्लीः हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज दिल्ली में आयोजित मेडिटेशन एंड मेंटल हेल्थ कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर भी मौजूद थे. इस दौरान उन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से डिग्री प्रदान की गई. बता दे कि मनोहर लाल 47 साल पहले विश्वविद्यालय के छात्र थे.

इस दौरान उन्होंने अपने कॉलेजों के दिनों को याद किया और सभी के साथ अपनी कॉलेज के यादों को साझा किया. मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि वे लम्बे समय से चाहते थे, कि उन्हें यूनिवर्सिटी में आकर बोलने का मौका मिले. 1975 में मैंने यहां से ग्रेजुएशन की थी और प्रारंभिक पढ़ाई रोहतक से की थी. ग्रेजुएशन के दौरान मन बहुत विचलित होता था, लेकिन कॉलेज में प्रवेश के बाद कभी तनाव महसूस नहीं हुआ.

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उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 1975 में मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की थी, आज से 47 साल पहले, दिल्ली यूनिवर्सिटी में कभी दुबारे जाने का मौका मिलेगा या नहीं मैं कई बार सोचता था, लेकिन मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया जाएगा इसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं, कॉलेज में पढ़ते समय कई विचार आते थे, आगे चलकर क्या करना है उस समय कुछ सूझता नहीं था. दिल्ली में 8 साल रहा, RSS से सम्पर्क में आया और संघ का प्रचारक हो गया, जिसके बाद तनावपूर्ण जिंदगी से बाहर आया.

सीएम मनोहर ने आगे कहा कि तनाव था कि जीवन में क्या बनना है, ये तनाव का कारण हॉट है कि क्या करना है. जब मन में आया कि देश की सेवा करनी है. 1980 में संघ का प्रचारक बना, उसके बाद आज तक तनाव नहीं हुआ, कर्म करते जाओ फल की चिंता न करो, अगर तनाव में फंस गए उससे बाहर निकलने के लिए हर घर ध्यान ही रास्ता है. ध्यान करने से तनाव दूर होता हैं, लेकिन ये आसान काम नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि तनाव एक मानसिक रोग है, इससे बचने के लिए ध्यान, योग, आध्यात्मिक में आगे बढ़ना पड़ेगा. हमने हरियाणा सरकार में मनुष्य निर्माण का काम किया है, इंसान में अच्छी बातें कैसे पढ़ाई जाएं, हमारा सौभाग्य है कि गीता का संदेश हरियाणा में दिया गया, 8 साल पहले हरियाणा में गीता का प्रसार नहीं था, हमने पूरे हरियाणा में गीता कार्यक्रम आयोजित किया, इसकी डिमांड शुरू हुई कि विदेशों में भी गीत महोत्सव कार्यक्रम होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आगे बढ़ने के लिए भविष्य की बात करो, लेकिन हम अतीत को भी लेकर चलते हैं, अगर हम विश्वविद्यालय को परिवार मान लिया तो विश्वविद्यालय आगे बढ़ेगा, अगर देश को परिवार मान लिया तो देश आगे बढ़ेगा.

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