CM Kejriwal: सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि साल 2018 से ही डीआईजेड एरिया में मकानों का आवंटन बंद है. इस वजह से यहां करीब 75 फीसद मकान खाली हैं और वे मकान बंद पड़े हैं. इसके चलते यहां आपराधिक गतिविधियां बढ़ गई हैं.
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CM Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर-4 राजा बाजार स्थित कर्मचारी आवास समिति की शिकायतों को बेहद गंभीरता से लिया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखकर यहां रह रहे लोगों की समस्याओं की जानकारी दी है और जल्द से जल्द समस्या के समाधान का अनुरोध किया है.
खाली मकानों में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियां
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि साल 2018 से ही डीआईजेड एरिया में मकानों का आवंटन बंद है. इस वजह से यहां करीब 75 फीसद मकान खाली हैं और वे मकान बंद पड़े हैं. इसके चलते यहां आपराधिक गतिविधियां बढ़ गई हैं. इसलिए यहां रह रहे लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इन्हें कुछ ब्लॉकों में एक साथ शिफ्ट कर दिया जाए, ताकि ये लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. अगर इन मकानों को तोड़कर नए सिरे से बनाने की कोई योजना है तो पहले इन्हें आसपास शिफ्ट किया जाए, तब इनके मकान तोड़ें जाएं.
हरदीप सिंह पुरी को लिखा पत्र
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है, ''नई दिल्ली विधानसभा के कर्मचारी आवास कल्याण समिति सेक्टर-4 राजा बाज़ार के सदस्यों ने मुझसे मुलाकात कर डीआई जेड एरिया के टाइप-1 और टाइप-2 के आवंटित मकानों की अलग-अलग समस्याओं की जानकारी दी. इसके बाद मैंने वहां जाकर निवासियों की परेशानियों का जायजा लिया.''
सीएम ने लिखा पत्र
सीएम केजरीवाल ने पत्र में आगे लिखा, ''डीआईजेड एरिया में साल 2018 से मकानों का आवंटन बंद है. इस वजह से यहां बंद पड़े मकानों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. सेक्टर-4 में आवंटन बंद होने के कारण 75 फीसद मकान खाली हो गए हैं और केवल 25 फीसद मकानों में ही लोग रह रहे हैं. अधिकतर मकान खाली होने के कारण यहां आपराधिक गतिविधियां बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं. यहां रहने वाले निवासियों के साथ आए दिन चोरी व डराने-धमकाने समेत अन्य घटनाएं हो रही हैं. खाली पड़े मकानों में अराजक तत्वों का जमावड़ा लग रहा है. इससे सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंच रहा है. मकानों का मरम्मत कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जबकि यहां अभी भी आवंटी रह रहे हैं. मकानों के खाली पड़े होने के कारण सरकार को हर साल राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है.