विशेष रूप से, सुनहला रत्न छात्रों के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है. जिन छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगता, उनके लिए यह रत्न भाग्य को उजागर करने में सहायक है. ज्योतिष के अनुसार, गुरु बृहस्पति के कमजोर प्रभाव के कारण पढ़ाई में ध्यान नहीं लग पाता.
गुरु बृहस्पति को मजबूत करने के लिए सुनहला रत्न पहनने की सलाह दी जाती है. यह रत्न सुनहरे हरे रंग का होता है और पुखराज का उपरत्न है. इसे गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए. इसे अष्टधातु में जड़वा कर दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए.
सुनहला रत्न धारण करने से व्यवसाय और करियर में सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. यह रत्न बिजनेस से जुड़े लोगों के लिए भी शुभ होता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की संभावनाएं भी बढ़ती हैं.
सुनहला रत्न बुद्धि के विकास में मदद करता है और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाता है. इसके अलावा, यह मानसिक तनाव को कम करने में भी सहायक साबित होता है.
Disclaimer इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है जी मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है.