Wrestlers protest: सरकार पहलवानों से बातचीत के लिए तैयार, अनुराग ठाकुर ने रेसलर्स को भेजा बुलावा
Wrestlers Protest: यौन उत्पीड़न मामले में पहलवान पिछले काफी वक्त से आंदोलन कर रहे थे. लंबे समय के बाद सरकार पहलवानों से बातचीत के लिए तैयार हो गई है. इस बात की जानकारी केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है. खेल मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि ``सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है.``
Wrestlers Protest: बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान पिछले काफी वक्त से आंदोलन कर रहे थे. लंबे समय के बाद सरकार पहलवानों से बातचीत के लिए तैयार हो गई है. इस बात की जानकारी केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है. खेल मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि ''सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है.'' इससे पहले 3 जून को पहलवानों और उनके कोचों की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी.
इस मुलाकात के बाद ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने जानकारी देते हुए बताया कि गृह मंत्री ने मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया था. तो वहीं, पहलवानों ने बैठक में कहा था कि महिला उम्मीदवार WFI अध्यक्ष पद संभाले और बृजभूषण सिंह के परिवार का कोई भी सदस्य WFI में न हो. इसके साथ ही पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर भी अड़े थे. बैठक में कोई हल न निकलने के बाद, अब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों को चर्चा के लिए बुलावा भेजा है.
इस दिन से शुरू हुआ था पहलवानों का धरना
पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना शुरू किया था. इसके बाद पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था और इस दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को मार्च के लिए अनुमति नहीं दी थी, लेकिन इसके बाद भी पहलवानों ने मार्च निकाला था, जिसके बाद पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था.
पहलवानों की FIR में क्या हैं आरोप?
IPC की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग)
354ए (यौन उत्पीड़न)
354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे)
दूसरी FIR में एक नाबालिग के पिता की शिकायत है और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिन घटनाओं का जिक्र इन FIR में किया गया है वो 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं.
जॉब पर लौटे पहलवान
आपको बता दें कि रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी जॉब पर वापस लौट गए हैं. इस बीच साक्षी मलिक ने अपने बयान में कहा कि सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. खबर सामने आई थी कि साक्षी मलिक पहलवानों के आंदोलन से पीछे हट गई हैं. हालांकि, साक्षी मलिक ने इन खबरों को गलत बताते हुए कहा था कि इंसाफ की लड़ाई में हम में से कोई न पीछे हटा है और न हटेगा. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी. इससे पहले साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को गलत बताया है.