MP Shivraj Sarkar: 'जल ही जीवन है' ये लाइन आज से पहले आपने कई जगह पढ़ी होगी, लेकिन अगर यही जल मौत की वजह बन जाए तो? ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला है मध्य प्रदेश के राजगढ़ गांव से, जहां पर पानी तीन दलितों की मौत की वजह बन गया. वहीं इलाके के लोगों ने सरकार को इन मौतों का जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार केंद्र सरकार की नल जल योजना के अंतर्गत हर घर नल की सफलता के लिए MP से दिल्ली तक वाहवाही लूट रही है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है. 


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क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा केंद्र सरकार की नल जल योजना के अंतर्गत हर घर में नल लगवाने का दावा किया गया. ये दावे कुछ हद तक सही भी निकले, प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में नल तो पहुंच गया, लेकिन इस योजना से जल का नाम गायब हो गया. प्रदेशवासियों को इस योजना के माध्यम से जल नहीं मिल पाया. यही वजह है कि लोग जल की खोज में अपनी जान जोखिम में डालने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है प्रदेश के राजगढ़ गांव से, जहां पानी ने 3 युवकों की जान ले ली.


राजगढ़ गांव में पानी की किल्लत की वजह से लोग कुओं में पानी स्टोर कर रहे हैं. इन्हीं कुओं की सफाई करते हुए 3 दलित युवकों 30 वर्षीय ओमप्रकाश अहिरवार, 30 वर्षीय कांताप्रसाद अहिरवार और 24 वर्षीय विष्णु अहिरवार की मौत हो गई. पानी की जरूरत ने तीन घरों के चिराग बुझा दिए. 


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ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों ने इन तीनों युवकों की मौत का जिम्मेदार प्रदेश की शिवराज सरकार को बताया है. उनका कहना है कि अगर सरकार द्वारा हर घर नल योजना का काम समय से पूरा किया गया होता तो आज तीन युवकों की मौत नहीं होती. 


कागजों में सफलता
मध्य प्रदेश सरकार की हर घर नल योजना कागजों में सफल है और प्रदेश सरकार इसके लिए वाहवाही भी लूटती रही है, लेकिन इसकी हकीकत दम तोड़ती नजर आ रही है. तीन युवकों की मौत के बाद एक ओर जहां उनके परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के प्रति आक्रोश भी साफ नजर आ रहा है. लोगों का कहना है कि अगर सरकार ने सच में काम किया होता तो आज तीनों युवकों को मौत के कुएं में नहीं उतरना पड़ता और वो जीवित होते.