Parliament Security lapse: संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक से दो लोग सदन के भीतर कूद गए, नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं सदन में फैला दिया. घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया.


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जानकारी के मुताबिक, आरोपियों में से एक 42 वर्षीय नीलम आजाद, जिसे बुधवार को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करते समय गिरफ्तार किया गया था, उसे पहले मई में दिल्ली में महिला पहलवानों के आंदोलन के दौरान हिरासत में लिया गया था. एक सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी महिला किसानों के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था और हरियाणा में कई विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा भी रह चुकी है. महिला भवन के बाहर धुएं की लपटें फेंकने के लिए जिम्मेदार दो व्यक्तियों में से एक थीं.


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गिराफ्तार महिला सिविल सर्विसेज कर रही है तैयारी


हरियाणा के जिंद जिले की रहने वाली नीलम हरियाणा सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थीं और हिसार में पेइंग गेस्ट के तौर पर रह रही थीं. इस बीच जांच के सिलसिले में पुलिस की एक टीम गुरुग्राम पहुंच गई है. हिसार के मूल निवासी विक्की शर्मा और उनकी पत्‍नी राखी को भी सेक्टर-7, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि ललित झा नाम के एक व्यक्ति की तलाश जारी है.


ऐसा संदेह है कि सभी आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन ललित को दिए थे, जो संसद भवन में ही थे और बाद में घटनास्थल से भाग गया. बुधवार को दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में प्रवेश करने में कामयाब रहे दो लोगों की पहचान मनोरंजन कुमार और सागर शर्मा के रूप में की गई है. मनोरंजन जहां कर्नाटक से इंजीनियरिंग का छात्र है, वहीं लखनऊ के रहने वाले शर्मा ने कर्नाटक के मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिंहा का हवाला देकर अपना विजिटर पास जारी कराया था.


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नीलम आजाद और अमोल शिंदे संसद के बाहर रंगीन फ्लेयर के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले अमोल शिंदे और पुलिस उनके घर पहुंची और उनके परिवार से पूछताछ की. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि जब दोनों को पकड़ा गया तो उनके पास कोई मोबाइल फोन या पहचानपत्र नहीं था. वे दावा करते हैं कि संसद में उनका आगमन एक स्वतंत्र कार्रवाई थी और किसी संगठन से किसी भी तरह के जुड़ाव से इनकार करते हैं.


(इनपुटः असाइमेंट)