दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एलिवेटेड सड़क का बनाई जा रही है. वहीं इस परियोजना के लिए देहरादून के 26 क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है.
वहीं आपको बता दें कि रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे करीब 2,614 घरों को ध्वस्त करने के लिए चिह्नित किया गया है. अधिग्रहण को दर्शाने के लिए संपत्तियों पर लाल निशाना लगाए गए हैं.
परियोजना की अनुमानित लागत करीब 6,100 करोड़ रुपये है. वहीं विस्थापन पैमाने के बाद उत्तराखंड सरकार ने भूमि या आवास पुनर्वास नीति को अंतिम रूप नहीं दिया. वहीं अधिकारियों का सुझाव है कि मौद्रिक मुआवजा एकमात्र विकल्प है.
वहीं एक अलग परियोजना देरादून और मसूरी को 5.2 किलोमीटर लंबे रोपवे के जरिए जोड़ेगी, जिससे दोनों शहरों के बीच की यात्रा की समय 20 मिनट तक कम हो जाएगा.
वहीं यह दक्षिण एशिया का सबसे लंबा मोवो-केबल रोपवे होगा. यह परियोजना उसी नदी के किनारे संपत्तियों को प्रभावित करेगी.