देशभर के कैदियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लिया जाएगा श्री अरविंदो के जीवन दर्शन का सहारा
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देशभर के कैदियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लिया जाएगा श्री अरविंदो के जीवन दर्शन का सहारा

दार्शनिक श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती का समारोह मनाने के लिए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है. जिसके मानद सदस्य श्री एम भी हैं.

देशभर के कैदियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लिया जाएगा श्री अरविंदो के जीवन दर्शन का सहारा

नई दिल्ली : दार्शनिक श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती का समारोह मनाने के लिए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है. जिसके मानद सदस्य श्री एम भी हैं. इस समिति के सभी सदस्यों ने देशभर की जेलों और सुधार गृहों में श्री अरविंदो के जीवन दर्शन पर आधारित गतिविधियों को आयोजित व संचालित करने का प्रस्ताव रखा.

तिहाड़ जेल परिसर में इस कार्यक्रम का उद्घाटन दीप जलाकर और AIG(J)  मुकेश प्रसाद के स्वागत भाषण के साथ हुआ. शिवपुरी ने मानव सेवा कार्यक्रम का उद्देश्य साझा किया और अरबिंदो आश्रम दिल्ली के ट्रस्टी बिजलानी ने आश्रम की तरफ से जेल पुस्तकालय के लिए अरविंदो साहित्य विशेष शुभकामनाओं के साथ भेंट किया और सभी को अपनी मानसिक गुलामी से बाहर आने का आह्वान किया.

अंदर से स्वयं को बदलने का आह्वान 

अल्पसंख्यक मंत्रालय सचिव रेणुका कुमार ने कहा कि भीतर के  बदलाव (जो योग प्राणायाम से आसानी से लाया जा सकता है) से आप अपनी बाहरी परिस्थितियां बदल सकते हैं. उन्होंने कहा, जैसे हमारा नजरिया होता है, वैसा ही नजारा हम देखते हैं. इसलिए अंदर से स्वयं को बदलकर बंदीजन अपनी जिंदगी बदल सकते हैं. एक क्षण का बदलाव आपकी पूरी जिंदगी बदल सकती है.

मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कार्यक्रम 

तिहाड़ जेल के पदाधिकारियों ने वहां रह रहे लोगों के बेहतर जीवन यापन और मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए किए जा रहे इस कार्यक्रम में भरपूर उत्साह दिखाया.  DG संदीप गोयल और उनके विभाग के सभी सदस्यों के भरपूर सहयोग और समर्थन से समारोह का माहौल बहुत ही उत्साहवर्धक रहा.

इस अवसर पर महर्षि अरबिंदो , श्री एम, भारत योग विद्या केंद्र और द सत्संग फाउंडेशन पर लघु फिल्म भी दिखाई गई. श्री एम के इस संदेश को बहुत पसंद किया गया, जिसमें उन्होंने बंदियों को अपने इस प्रवास को साधना में बदलने और अपने कमरे को "कुटीर" समझने की प्रेरणा दी. द सत्संग फाउंडेशन श्री एम द्वारा लिखी गई पुस्तकें भी लाइब्रेरी को भेंट की गईं. इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्रता की चाह रखता है, फिर भी प्रत्येक जीव अपनी बेड़ियों से प्रेम भी करता है. यही हमारे स्वभाव की प्राथमिक दुविधा और एक अनसुलझा रहस्य है.

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श्री अरबिंदो का कथन उनके चैतन्य को सहज ही दिखाता है. वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत में अंग्रेजी  सत्ता से लोहा लिया. यह भी एक अचरज ही है कि अलीपुर जेल में अपने एकांतवास के दौरान उन्होंने अपनी साधना द्वारा वास्तविक मुक्ति का स्वाद चखा. 
 
द सत्संग फाउंडेशन का मानव सेवा कार्यक्रम, बंदियों के मन, बुद्धि और शरीर को सुंदर व व्यवस्थित करने का अवसर प्रदान करेगा.  योगासन, प्राणायाम, ध्यान तथा पुस्तकालय में आध्यात्मिक विषयों की पुस्तकों के दान द्वारा, फाउंडेशन अपनी ओर से उनके के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की सार्थक पहल कर रहा है. 17 मई के समारोह के बाद  2 माह तक, भारत योग विद्या केंद्र, तिहाड़ जेल, दिल्ली के सभी परिसरों (तिहाड़, मंडोली, रोहिणी जेल) में अपने योग विज्ञान एवं ध्यान साधना कार्यक्रम का संचालन करेगा.

आने वाले समय में सत्संग फाउंडेशन देश के विभिन्न कारागृह परिसरों में इसी तरह के कार्यक्रम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और उसका ध्येय यही है कि बंदीग्रहवासियों के साथ लगातार इसी तरह के प्रयासों को जारी रखकर उनके जीवन की दिशा बदली जा सके, ताकि वे एक जिम्मेदार नागरिक बनकर मुख्यधारा में लौट सकें. 

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