कभी 50 रुपये मिले थे राजू श्रीवास्तव को, फिर लाखों में खेले, जानिए कितनी संपत्ति छोड़ गए पीछे
Raju Srivastava Death 10 अगस्त को दिल्ली के एक होटल में वर्कआउट के दौरान राजू श्रीवास्तव को कार्डियक अरेस्ट आया था. जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट में किया जा सकता है.
नई दिल्ली: मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का 58 साल की उम्र में निधन हो गया. राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को कार्डियक अरेस्ट आया था. वह साउथ एक्स की एक होटल के जिम में वर्क आउट कर रहे थे. ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए वह गिर पड़े थे, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. 42 दिन तक उनका इलाज चला, लेकिन वे बच नहीं सके.
डॉक्टरों ने बताया कि राजू की एंजियोप्लास्टी की गई थी, जिसमें हार्ट के एक बड़े हिस्से में 100% ब्लॉकेज मिला था. उनका ब्रेन भी काम नहीं कर रहा था. उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया था. जहां उन्होंने आज अंतिम सांस ली. उनके परिवार उनकी पत्नी शिखा, बेटी अंतरा, बेटा आयुष्मान, बडे़ भाई सीपी श्रीवास्तव, छोटे भाई दीपू श्रीवास्तव, भतीजे मयंक और मृदुल हैं.
पिता कहते इंदिरा की मिमिक्री करो, राजू करते और लोग खुश होते
25 दिसंबर 1963 को कानपुर में रमेश चंद्र श्रीवास्तव यानि बलई काका के यहां राजू श्रीवास्तव का जन्म हुआ. बलई काका कवि थे. बलई काका पेशे से कोर्ट में पेशकार थे और अवध रीजन के मशहूर हास्य कवि माने जाते थे. बलई ने बेटे का नाम रखा सत्यप्रकाश उर्फ राजू श्रीवास्तव. राजू बड़े हुए तो पिता के साथ कार्यक्रमों में जाने लगे. घर में टीवी नहीं था, लेकिन रेडियो का दौर था. वे रेडियो पर इंदिरा गांधी की आवाज़ सुनते और उसकी नक़ल करके आसपास के लोगों को सुनाते. उनके घर में कोई आता, पिता कहते, बेटा सुनाओ ज़रा इंदिरा जी कैसे बोलती हैं. राजू श्रीवास्तव सुनाते और बदले में तारीफ़ पाते. पिता की कविताओं का राजू पर गहरा असर पड़ा. उन्होंने ठान लिया कि वो भी स्टेड परफॉर्म करेंगे. पिता की डायरी से चंद लाइन चुराते और स्कूल में दोस्तों को सुनाते. नाटकों में परफॉर्म करते. एक दिन उनके स्कूल के दोस्त ने गब्बर का सीन स्कूल में किया. राजू को पता चला ये क्या बला है. उन्होंने पैसे जोड़े और पहुंच गए कानपुर में सोले देखने. यहां से अमिताभ बच्चन की आवाज निकालने लगे.
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50 रुपये मिले तो ऑर्गनाइजर को लौटाने पहुंच गए
कानपुर में राजू श्रीवास्तव लोगों के बुलावे पर चले जाते. यहां उनका मनोरंजन करते और सिर्फ तारीफ लेकर लौट आते. एक दिन उन्हें एक शो करने बुलाया गया. राजू ने अमिताभ की बेहतरीन मिमिक्री की. लोगों ने दिल खोलकर तारीफ की. उस दिन ऑर्गेनाइजर ने राजू की जेब में 50 का नोट रख दिया. राजू नोट लेकर घर चले, लेकिन मायूस थे. अगले दिन वो 50 रुपए ऑर्गेनाइजर को वापस लौटाने पहुंच गए. उनको लगा था कि ये 50 रुपए उन्हें बस रखने और दिखावे के लिए दिए गए होंगे. लेकिन ऑर्गनाइजर ने कहा कि यह तुम्हारी मेहनत के हैं. यहीं से राजू ने जाना कि कॉमेडी और मिमिक्री से पैसे भी कमाए जा सकते हैं.
जॉनी लीवर ने की थी राजू की मदद
उनको पता चला कि जिनकी वो मिमिक्री करते हैं वो सारे लोग मुंबई में रहते हैं. राजू को मुंबई दिखने लगा. उनकी मां को भी अंदेशा था कि एक दिन कहीं ये मुंबई न भाग जाए. मां का अंदेशा सच साबित हुआ. राजू श्रीवास्तव मुंबई भाग गए. किसी ने बताया था कि वहां कलाकारों की खूब इज्जत है. मुंबई पहुंचे तो पेट भरने के लिए ऑटो चलाने लगे. अपनी मिमिक्री को तराशते रहे. सवारियों को अमिताभ बच्चन की आवाज सुनाते. हालांकि मुंबई में कॉमेडियन्स की उस दौर में खास इज्जत नहीं थी. लेकिन इनको बड़े-बड़े म्यूजिकल या डांस शोज़ में फिलर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. राजू के मुंबई पहुंचने पर जॉनी लीवर सरीखे लोगों ने उनकी खूब मदद की.
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इतने करोड़ की है संपत्ति
धीरे-धीरे राजू श्रीवास्तव ने शोज करने लगे. एक दिन राजू श्रीवास्तव अनुराधा पौडवाल के शो में स्टैन्डअप के लिए पहुंचे. वहां टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार भी आए हुए थे. राजू ने ऐसी कॉमेडी की गुलशन दंग रह गए. बाद टी-सीरीज़ के बैनर तले उन्होंने कॉमेडी स्केचेज की ऑडियो कैसेट निकालने का फैसला किया. यहां से फिल्मों में छोटे-छोटे रोल करने लगे. फिर उनकी किस्मत पलटी द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर शो से. यहीं से राजू को प्रसिद्धि मिली. कहां एक शो के 50 रुपये लेने वाले राजू श्रीवास्तव लाखों में पहुंच गए. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो एक कॉमेडी शो से लाखों रुपया चार्ज करते थे. राजू श्रीवास्तव की कुल संपत्ति 15 से 20 करोड़ की बताई जाती है.