NOIDA Twins TOWER: सुपरटेक के ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने के काम पर CBRI ने लगाई रोक
नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने के लिए आज से टावरों के पिलर में विस्फोटक लगाने का काम शुरू किया जाना था, लेकिन सीबीआरआई की एनओसी ना मिलने की वजह से यह काम रोक दिया गया है. सभी विभागों को हिदायत दी गई है कि 2 दिन के अंदर सीबीआरआई को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएं.
बलराम पाण्डेय/नोएडा: नोएड़ा के सेक्टर 93A स्थित सुपरटेक के ट्विन्स टावर को गिराने के लिए आज से टावरों के पिलर में विस्फोटक लगाने का काम शुरू किया जाना था, लेकिन CBRI की एनओसी ना मिलने की वजह से यह काम रोक दिया गया है और सभी विभागों को हिदायत दी गई है कि 2 दिन के अंदर CBRI को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएं जिसके बाद CBRI उन दस्तावेजों का अध्यन कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को एनओसी दें सके.
वहीं सूत्रों की मानें तो ध्वस्तीकरण की तारीख भी बदल सकती है क्योंकि जिस तरह से विस्फोटक लगाने में देरी हो रही है उसके चलते ध्वस्तीकरण की 21 अगस्त की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है. एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी के RWA अध्यक्ष उदयभान तेवतिया ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत के दौरान कहा कि CBRI की एनओसी ना मिलने की वजह से विस्फोटक लगाने की तारीख आज टाल दी गई है.
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उन्होंने कहा कि आज कोई विस्फोटक नहीं लगाया जाएगा. 6 अगस्त को बैठक के बाद तय होगा कि ध्वस्तीकरण की रूपरेखा क्या होगी और कब से दोनों टावरों में विस्फोटक लगाया जाएगा. उन्होंने कहा जो ध्वस्तीकरण की 21 अगस्त तारीख तय की गई है वह भी बदल सकती है, क्योंकि विस्फोटक लगाने में वक्त लगेगा ऐसे में अगर विस्फोटक लगाने में देरी हो रही है तो ध्वस्तीकरण की जो डेट है वह भी आगे बढ़ाई जा सकती है.
तो वहीं, आरडब्ल्यूए के प्रेसिडेंट उदय भान सिंह का कहना है कि उन्होंने एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की बिल्डिंग की एक प्राइवेट कंपनी से जांच रिपोर्ट तैयार कराई थी जिसमें सोसाइटी के करीब 500 पिलर कमजोर पाए गए थे जिसकी जानकारी भी प्राधिकरण को दी जा चुकी है. क्योंकि जिस समय दोनों टावरों को विस्फोटक के जरिए गिराया जाएगा. उस समय कंपन की वजह से एमरॉल्ड कोर्ट सुसाइटी के पिलर को नुकसान न हो इसके लिए ये जांच कराई गई थी.
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हालांकि, दोस्ती के करण किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था हो कि किन मानकों के अनुरूप वशीकरण किया जाएगा यह सीबीआरआई तय करेगी यही वजह है कि जब तक सीबीआरआई की एनओसी नहीं मिल जाती तब तक ध्वस्तीकरण कि जो कार्रवाई है वह पूरी नहीं हो सकती इसीलिए अब देखने वाली बात होगी कि सीबीआरआई किन मानकों के अनुरूप ध्वस्तीकरण की इजाजत देती.