नवरात्रि के दिनों में दिल्ली का कालकाजी मंदिर काफी प्रसिद्ध रहता है. दिल्ली ही नहीं, दिल्ली के आसपास से जुड़े इलाकों से भक्तों की भारी भीड़ यहां माता के दर्शन के उमड़ती है. नवरात्रि में यह मंदिर 24 घंटे खुला रहता है.
Nikita Chauhan
Apr 05, 2024
कालकाजी मंदिर का समय
कालकाजी मंदिर सुबह 4 बजे से लेकर रात साढे 11 बजे तक खुलता है. इस दौरान अलग-अलग समय पर आरती होती है. सुबह की आरती साढ़े 6 से 7 बजे तक होती है और रात साढ़े 8 बजे से 9 बजे तक होती है.
कालकाजी मंदिर में पूजा अनुष्ठान
कालकाजी मंदिर में प्रत्येक दिन की शुरुआत देवी काली का दूध से स्नान किया जाता है, इसके बाद ही बाद सुबह की आरती की जाती है. दिन में दो बार होती है आरती और शाम की आरती को तांत्रिक आरती कहा जाता है.
अखंड दीप प्रज्जवलित
आम दिनों में मंदिर में वेदोक्त, पुराणोक्त और तंत्रोक्त तीनों विधियों से पूजा होती है. मगर नवरात्रों में यहां मेला लगता है. नवरात्रि में मंदिर में अखंड दीप प्रज्जवलित किया जाता है.
घर ले जाते हैं माता की ज्योत
पहली नवरात्र के दिन भक्त मंदिर से माता की ज्योत घर ले जाते हैं. नवरात्रों में रात 2:30 बजे सुबह की और शाम की आरती सात बजे होती है.
माता को लगता है ये भोग
नवरात्र में माता के विशिष्ट भोग का समय सुबह 11:30 बजे होता है, जिसमें 6-7 तरह के व्यंजन और पकवान उन्हें चढ़ाया जाता है. आरती के समय बुरा और पंचमेवा का भोग लगाया जाता है.
नवरात्र मेले में घूमती हैं माता
कहते हैं कि अष्टमी और नवमी को माता मेला में घूमने को निकलती हैं, इसलिए अष्टमी के दिन सुबह की आरती के बाद कपाट खोल दिए जाते हैं. इस दौरान दो दिन आरती नहीं होती है. दसवीं को आरती की जाती है.
माता काली को है समर्पित
दिल्ली का कालकाजी मंदिर माता काली को समर्पित है, जिन्हें दुर्गा का भी अवतार कहा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, कालकाजी मंदिर में श्री कृष्ण पांडवों के साथ यहां पूजा के लिए आए थे.
कालकाजी मंदिर का इतिहास
कालकाजी मंदिर दक्षिण दिल्ली में स्थित, कालकाजी - इलाके का नाम मंदिर के नाम पर ही रखा गया है. यह मंदिर दिल्ली के सबसे व्यस्त हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है.