नई दिल्ली को देश की राजधानी के रूप में जाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से कुछ साल पहले दिल्ली देश की राजधानी नहीं थी.
इतिहासकारों से मिली जानकारी के अनुसार, देश को आजादी मिलने से पहले कई बार भारत की राजधानी को बदला गया.
दिल्ली से पहले देश की राजधानी कलकत्ता थी, जिसे वर्तमान में कोलकाता के नाम से जाना जाता है.
अंग्रेज महाराजा जॉर्ज पंचम ने 12 दिसंबर, 1911 को दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने की घोषणा की थी.
1911 में दिल्ली को देश की राजधानी बनाने का ऐलान कर दिया गया, लेकिन दिल्ली को आधिकारिक तौर पर राजधानी घोषित नहीं किया गया.
सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे 13 फरवरी 1931 को दिल्ली को देश की आधिकारिक राजधानी घोषित किया गया.
दिल्ली को राजधानी बनाने की वजह अंग्रेजों को यह लगने लगा था कि देश संचालन कलकत्ता के बजाए दिल्ली से ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकता है. यही वजह है कि कलकत्ता की जगह दिल्ली को राजधानी बनाने का फैसला किया गया.
अंग्रेजों के शासनकाल में राजधानी बनने के बाद भी दिल्ली दूसरे महानगरों से काफी पीछे थी.
वहीं इतिहासकारों के अनुसार, दिल्ली शहर को पांडवों ने बसाया था. तब इसे इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था.