मुगल बादशाह जहांगीर के शाही ठाठ-बांट में बर्फ काफी बड़े काम की चीज हुआ करती थी.
बदशाहों की महफिल में चार चांद लगाने के लिए खास जगह से बर्फ मंगवाई जाती थी.
मुगलों के बादशाह जहांगीर की शराब में बर्फ डालने के लिए बर्फ कश्मीर से मंगाई जाती थी. यह उनके रहने वाली जगह से सैकड़ों मील दूर हुआ करती थी.
मीलों दूर से कश्मीर की खास पहाड़ियों से सुरक्षा को ध्यान रखते हुए बर्फ को कड़ी निगरानी में लाया जाता था.
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मुगल काल में थरमस या फिर किसी ऐसी चीज का इस्तेमाल नहीं होता है, जिसमें बर्फ को आसानी से लाया जा सकें.
बिना किसी थरमस और किसी चीज के इतनी दूर से बर्फ लाना काफी चूनौतीपूर्ण था. फिर भी बादशाह के लिए इतनी दूर से बर्फ को मंगाया जाता था.
अबुल फजल की किताब आइन-ए-अकबर के मुताबिक जहांगीर की रसोई को तीन हिस्सों में बाटा गया था, क्योंकि वह खाने का काफी शोकिन था. वह ज्यादातर शाकाहरी भोजन ही खाना पसंद करता था.