विश्व पुस्तक दिवस पहली बार 23 अप्रैल, 1995 में यूनेस्को की ओर मनाया गया था. इसे दुनिया के दो महानतम लेखकों विलियम शेक्सपियर और प्रमुख स्पेनिश इतिहासकार इंका गार्सिलासो डे ला वेगा की पुण्यतिथि का प्रतीक माना जाता है.
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World Book Day 2022: आज 23 अप्रैल को विश्वभर में पुस्तक और कॉपीराइट डे मनाया जा रहा है. एक समय था जब लोग किताबों को अपना सबसे अच्छा साथी समझते थे. अपनी आधी परेशानी किताबों के साथ ही बांट लिया करते थे, लेकिन आज किसी के पास इतना समय नहीं बचा है कि लोग बुक्स पढें. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि विश्व पुस्तक दिवस क्यों मनाया जाता है?
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क्यों मनाया जाता है विश्व पुस्तक दिवस?
बता दें इस दिन को मनाने के पीछे की खास वजह है कि लोगों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए, साथ ही उनके प्रकाशन और प्रकाशन से संबंधित जानकारी दी जाए. इसके अलावा आने वाले पीढ़ियों को भी किताबें पढ़ने के लिए जागरुक किया जाए. इसे दुनियाभर के 100 से भी ज्यादा देशों में मनाया जाता है. इस इवेंट को यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (UNESCO) की ओर से आयोजित किया जाता है.
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क्या है विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास?
विश्व पुस्तक दिवस पहली बार 23 अप्रैल, 1995 में यूनेस्को की ओर मनाया गया था. इसे दुनिया के दो महानतम लेखकों विलियम शेक्सपियर और प्रमुख स्पेनिश इतिहासकार इंका गार्सिलासो डे ला वेगा की पुण्यतिथि का प्रतीक माना जाता है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि इस दिन कई सारे जाने-माने लेखकों का जन्म हुआ था. इसके लिए कई लेखकों की मृत्यु भी हुई थी. आज के दिन विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वेंट्स का भी निधन हुआ था.
विश्व पुस्तक दिवस की थीम
इस दिन को मनाने के पीछे का लक्ष्य है किताब पढ़ने की खुशी को लोगों तक पहुंचाना. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर हर साल एक नई थीम के साथ इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है. इसी कड़ी में इस साल 2022 की थीम है 'पढ़ें तो आप कभी अकेला महसूस न करें'. यूनेस्को के मुताबिक, जॉर्जिया में त्बिलिसी शहर को 2021 के लिए विश्व पुस्तक राजधानी के रूप में चुना था. लेकिन इस बार गाम्बिया को चुना है.
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