CDR Leak Gang News: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जाल बिछाकर गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया. पुलिस ने ग्राहक बनकर आरोपी से संपर्क किया और वो 25 हजार रुपये में कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) देने के लिए राजी हो गया.
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CDR Leak Gang Exposed: दिल्ली (Delhi) में लोगों की जासूसी करने वाले गैंग का खुलासा हुआ है. ये गैंग कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और अन्य जानकारी प्रोवाइड करा रहा था. दिल्ली के आउटर-नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस (Police) ने जासूसी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने ग्राहक बनकर गैंग के एक शख्स को गिरफ्तार किया. गैंग में एक्टिव आरोपी पवन कुमार को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. इसकी जानकारी पुलिस ने दी है. इस खुलासे के बाद लोग चौंक गए हैं कि उनकी पर्सनल जानकारी एक गैंग बनाकर लीक की जा रही है.
पुलिस के जाल में ऐसे फंसा जालसाज
बता दें कि आरोपी का नाम पवन कुमार है और उसकी उम्र 22 साल है. वो एक डिटेक्टिव एजेंसी में काम करता है. वहीं, गैंग का सरगना पंकज फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. पुलिस को सीक्रेट इन्फॉर्मेशन मिली थी कि एक शख्स लोगों से पैसा लेकर CDR और अन्य जानकारी उपलब्ध करवा रहा है. जिसके बाद एक डिकोय टीम बनाकर डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वालों से संपर्क किया गया और 25000 रुपये में आरोपी CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) देने को राजी हो गया.
आरोपी ने उपलब्ध करा दी सीडीआर
जान लें कि आरोपी पवन कुमार को रोहिणी इलाके में बुलाया गया और 25 हजार रुपये देते ही आरोपी ने CDR पेन ड्राइव के जरिए दे दी. तभी AATS आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
रेड कर सबूत जुटा रही पुलिस
जान लें कि डिटेक्टिव एजेंसी का ऑफिस नोएडा में है. पुलिस अब उसके ऑफिस में रेड कर तमाम सबूत जुटा रही है. पुलिस ने अब तक लैपटॉप और अन्य सामान सीज किया है. पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि ये अब तक कितने लोगों की CDR मंगवा चुके हैं और कौन शख्स इनको CDR उपलब्ध करवाता है.
आरोपी पवन ने बताया कि दिल्ली की कई डिटेक्टिव एजेंसी ये ही काम कर रही हैं जो ग्राहक की जरूरत के मुताबिक CDR, Bank Statment, ITR, GST Return, मोबाइल लोकेशन और ओनरशिप उपलब्ध करवाती हैं. पुलिस ने समयपुर बादली थाने में IPC की धारा 409, 420, 464, 120 और टेलीग्राफ एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
गौरतलब है कि ये एक बड़ा गैंग है जिसमें आने वाले दिनों में कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं. बड़े लेवल के लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं. कानून के मुताबिक, आप किसी की पर्सनल जानकारी, कॉल डिटेल, बैंक डिटेल और अन्य जानकारी नहीं ले सकते हैं.
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