नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में विजयादशमी समारोहों के बाद हवा की गुणवत्ता ज्यादा खराब हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार आईटीओ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 307 दर्ज किया गया. सोमवार (26 अक्टूबर) को इंडिया गेट, अक्षरधाम और आईटीओ के आसपास के इलाकों में स्मॉग के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बेहद खतरनाक स्थर पर प्रदूषण
दिल्ली के आनंद पर्बत और अशोक विहार इलाके में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. रविवार को आनंद पर्बत में AQI 403 और अशोक विहार में 520 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली कैंट और नरायणा को छोड़कर रविवार को सभी इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्थिति में था.


एनसीआर में भी गंभीर स्थिति
गाजियाबाद और गौतम बौद्ध नगर में रविवार शाम हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गई. एक सरकारी एजेंसी के मुताबिक गुड़गांव और फरीदाबाद में भी हवा की गुणवत्ता काफी हद तक 'बहुत खराब' रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार वायु प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 दिल्ली के चार पड़ोसी जिलों में 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है.


एनसीआर के इन इलाकों में स्थिति गंभीर
CPCB डेटा के अनुसार रविवार रात 8 बजे गाजियाबाद के लोनी इलाके में AQI 416, इंदिरापुरण में 374, संजय नगर में 354 और वसुंधरा में 330 था. जबकि नोएडा के सेक्टर 116 में AQI 382 और सेक्टर 62 में 363 और सेक्टर 1 में 356 दर्ज किया गया. गुड़गांव के सेक्टर 51 में AQI 370 और विकास सदन में 329 रहा, जबकि फरीदाबाद के सेक्टर 16ए में 366, सेक्टर 30 में 363 और एनआईटी में 319 दर्ज किया गया.


कब खराब स्तर पर पहुंच जाती है हवा
हवा की गुणवत्ता (AQI) अगर 0 से 50 के बीच रहे तो इसे अच्छी मानी जाती है, वहीं 51 से 100 के बीच में संतोषजनक और 101 से 200 के बीच में मध्यम मानी जाती है. लेकिन अलग यह 200 से ऊपर पहुंच जाए तो यह खराब की स्थिति में आ जाती है. 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर स्थिति हो जाती है.


LIVE टीवी