दिल्ली दंगों के आरोप में फंसे उमर खालिद सीएए विरोधी आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया था. पुलिस का मानना है कि इस आंदोलन और दिल्ली दंगों में बड़ा कनेक्शन था.
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नई दिल्ली: दिल्ली दंगों (delhi violence) में आरोपी छात्र उमर खालिद (omar khalid) की मुश्किलें लगातार बढ़ता जा रही हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (special cell) ने शुक्रवार को उमर खालिद को बुलाकर 3 घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान उससे दिल्ली दंगों से जुड़े कई सवाल पूछे गए. साथ ही उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया.
क्राइम ब्रांच ने 6 मार्च को उमर खालिद पर दर्ज की थी एफआईआर
बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर हिंसा की साजिश का आरोप लगाते हुए 6 मार्च को एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर के मुताबिक दिल्ली में 23,24 और 25 फरवरी को हुई हिंसा सुनियोजित थी. एफआईआर के अनुसार इस हिंसा को फैलाने की साजिश जेएनयू के एक पूर्व छात्र उमर खालिद और उसके सहयोगियों ने मिलकर रची. साजिश के तहत उमर खालिद ने दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए. आरोप है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान लोगों को सड़कों पर उतरकर आवागमन अवरुद्ध करने की अपील की थी.
औरतों-बच्चों को सड़कों पर उतारने का आरोप
आरोपों के मुताबिक उमर खालिद और उसके सहयोगियों ने औरतों-बच्चों को सड़कों पर उतारकर हिंसा भड़काने की साजिश रची थी. दंगों में भाग लेने के लिए दूसरे इलाकों से लोगों को जुटाकर दिल्ली लाया गया. आरोप है कि 23 फरवरी को साजिश की तैयारी पूरी होने के बाद यमुनापार के मौजपुर, कर्दमपुरी, जफराबाद, चंदबाग, शिव विहार और इसके आस-पास के इलाकों में दंगे कराए गए.
स्पेशल सेल ने उमर खालिद से पूछे कई तीखे सवाल
सूत्रों के मुताबिक स्पेशल सेल ने पूछताछ में उमर खालिद से कई तीखे सवाल पूछे. इसमें सीएए विरोधी आंदोलन में उसकी क्या भूमिका थी. इस आंदोलन को लाखों रूपये फंड कहां से मिला. देश को अस्थिर करने की इस साजिश में और कौन कौन लोग शामिल थे. उसने ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरने का आहवान क्यों किया और इसी दौरान दिल्ली में दंगे क्यों भड़क गए. जानकारी के मुताबिक उमर खालिद इनमें से कई सवालों पर अटक गया और जानकारी नहीं होने की बात कहकर सवाल को टाल गया.