Lockdown ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 'आवश्यकता अविष्कार की जननी है', जानिए कैसे ?
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Lockdown ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 'आवश्यकता अविष्कार की जननी है', जानिए कैसे ?

देश भर में जबसे लॉकडाउन (Lockdown) हुआ है पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि कैसे लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन करवाया जाए. 

Lockdown ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 'आवश्यकता अविष्कार की जननी है', जानिए कैसे ?

नई दिल्ली: देश भर में जब से लॉकडाउन (Lockdown) हुआ है पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि कैसे लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन करवाया जाए. 

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद भी लोग सड़कों पर निकल रहे थे और पुलिस उन्हें वापस भेजने के साथ ही लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर रही थी.

हालांकि इतनी सख्ती के बाद भी लोग थे मानने को तैयार ही नहीं थे और लगातार घर से बाहर निकल रहे थे. 

लिहाजा पुलिस को भी ऐसा तरीका ढूंढना पड़ा जिससे इन पर दिन-रात नजर रखी जा सके. साथ ही उन्हें कोरोना वायरस महामारी की गंभीरता और इससे बचाव के उपायों के बारे में भी बताया जा सके. 

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इसी जरूरत को देखते हुए दक्षिणी दिल्ली जिले के डीसीपी के कहने पर एक ऐसा ड्रोन बनाया गया जो न सिर्फ दिन में, बल्कि रात में भी इलाके के लोगों पर नजर रखने के साथ-साथ उनकी हर गतिविधि को रिकॉर्ड कर सकता है. 

ड्रोन में नाइट विजन कैमरे भी लगे हैं. इस ड्रोन के जरिये पुलिस पूरे इलाके में अनाउंसमेंट भी कर सकती है कि लोगों को लॉकडाउन की जरूरत और उससे बचने के तरीकों के बारे में भी बताती है.

इस ड्रोन की खासियत ये है कि यह 8 किलोमीटर के दायरे को अपनी जद में ले सकता है. साउथ डिस्ट्रिक्ट की पुलिस अब इस तरह के ड्रोन से पूरे इलाके पर नजर रख रही है.

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