इस मुद्दे पर बोलते हुए बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा,''मुगल शासकों के दौर में 6000 स्थानों को तोड़ा गया. दिल्ली के जामा मस्जिद का नाम पहले जमुना देवी मंदिर था, इसी तरह ताजमहल का नाम पहले तेजो महालय था.''
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नई दिल्ली: अयोध्या मसले पर पांच दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल की इस मामले में सुनवाई जुलाई 2019 तक टालने की बात कहने के बाद यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस मुद्दे पर बोलते हुए बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा,''मुगल शासकों के दौर में 6000 स्थानों को तोड़ा गया. दिल्ली के जामा मस्जिद का नाम पहले जमुना देवी मंदिर था, इसी तरह ताजमहल का नाम पहले तेजो महालय था.''
उल्लेखनीय है कि कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी थी कि 2014 के चुनावी संकल्प पत्र में बीजेपी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का वादा किया था, ऐसे में इस वक्त इस पर सुनवाई से देश पर व्यापक असर पड़ सकता है. लिहाजा जनभावनाओं के लिहाज से इस बेहद संवेदनशील मसले पर जुलाई, 2019 से पहले सुनवाई नहीं होनी चाहिए. हालांकि कोर्ट ने उनके इस तर्क को नहीं माना और कहा कि आठ फरवरी 2018 से लगातार सुनवाई होगी.
There were about 6000 places that were broken down by the Mughal emperors. Delhi's Jama Masjid was originally Jamuna Devi temple, similarly Taj Mahal was Tejo Mahalaya: Vinay Katiyar pic.twitter.com/rnIivl8Ahj
— ANI (@ANI) December 7, 2017
इसके बाद गुजरात की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने अयोध्या मसले पर मंगलवार को कपिल सिब्बल की दलील पर सवाल उठाए. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर कपिल सिब्बल किस आधार पर कह सकते हैं कि 2019 में अगले लोकसभा चुनाव के बाद सुनवाई हो. पीएम मोदी ने कहा कि कपिल सिब्बल मुस्लिम समुदाय की तरफ से केस लड़ रहे हैं, उनको ऐसा करने का हक है लेकिन वह यह कैसे कह सकते हैं कि अगले चुनाव से पहले इसका समाधान नहीं खोजा जा सकता? यह मसला आखिर किस प्रकार लोकसभा चुनाव से जुड़ा है?
कपिल सिब्बल ने अदालत से क्यों कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई चुनाव तक टाल दें?: PM नरेंद्र मोदी
मेरी भगवान राम में आस्था: कपिल सिब्बल
बुधवार शाम को बाबरी मस्जिद और राम मंदिर विवाद मामले में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लगातार हमले के बीच वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने चुप्पी तोड़ी. सिब्बल ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री और बीजेपी के लोग उन पर हमला करने से पहले तथ्यों की पड़ताल कर लेनी चाहिए थी. उन्हें मालूम होना चाहिए कि मैं सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील नहीं हूं. ना ही मैंने वक्फ बोर्ड के वकील की हैसियत से बाबरी मस्जिद और राम मंदिर विवाद मामले की सुनवाई 2019 के बाद करने की मांग की थी. कपिल सिब्बल से जब पूछा गया क्या वे नहीं चाहते की अयोध्या में राम मंदिर बने? इसके जवाब में उन्होंने कहा अयोध्या में बीजेपी या पीएम मोदी नहीं राम मंदिर बनवा सकते हैं. भगवान राम जब चाहेंगे तभी अयोध्या में राम मंदिर बनेगा. मेरी आस्था भगवान राम में है.
कपिल सिब्बल की 5 बातें
1. हमारे प्रधानमंत्री कई बार बिना जानकारी के कई बार बयान दे जाते हैं. बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री ने कहा है कि मैं राम मंदिर और बाबरी मस्जिद केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील हूं, जबकि मैं कभी भी उनका वकील नहीं रहा.
2. जब भगवान राम चाहेंगे तभी राम मंदिर बनेगा, न की राम मंदिर पीएम मोदी के कहने से बनेगा, मामला कोर्ट में है.
3. क्या मैं देश की किसी गंभीर समस्या के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता? तो प्रधानमंत्री को अपने बयान पर कुछ कहना चाहिए, क्योंकि उनकी कही बात से देश में बेमतलब का विवाद पैदा हो गया है.
4. मैं पीएम मोदी से आग्रह करता हूं कि वे आगे से कुछ भी बोलने से पहले तथ्यों की सही से पड़ताल कर लें.
5. मेरी भगवान में आस्था है. पीएम मोदी में मेरी कोई आस्था नहीं है. वे राम मंदिर बनाने नहीं जा रहे हैं, ये भगवान राम की इच्छा से ही संपन्न होगा. इस मामले में आखिरी फैसला कोर्ट लेगा.