Book fair 2018: इस्लाम में महिलाओं के अधिकार बताने वाली किताबों की बढ़ी Demand
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Book fair 2018: इस्लाम में महिलाओं के अधिकार बताने वाली किताबों की बढ़ी Demand

विश्व पुस्तक मेले में कई स्टॉलों पर पाठक इस्लाम में महिलाओं को क्या अधिकार प्राप्त हैं इससे जुड़ी किताबें मांग रहे हैं. 

विश्व पुस्तक मेले में किताब खरीदते बच्चे (फोटो साभार-DNA)

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में किताब पढ़ने के शौकीनों के लिए विश्व पुस्तक मेला चल रहा है. किताबों की इस दुनिया में हर उम्र के लिए कुछ ना कुछ खास है. लेकिन इस बार सबसे ज्यादा डिमांड है इस्लाम में महिलाओं के अधिकार बताने वाली किताबों की. विश्व पुस्तक मेले में कई स्टॉलों पर पाठक इस्लाम में महिलाओं को क्या अधिकार प्राप्त हैं इससे जुड़ी किताबें मांग रहे हैं. 

  1. ‘औरत और इस्लाम’ किताब की ज्यादा बिक्री.
  2. युवा ले रहे हैं इस्लाम को जानने में दिलचस्पी.
  3. उर्दू किताबों के हिंदी वर्जन पर हो रहा है काम.

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देश में तीन तलाक और मुस्लिम महिलाओं को कौन से अधिकार प्राप्त हैं इसको लेकर बहस जारी है. इस्लाम में महिलाओं के हक की ललक लोगों में दिनों दिन बढ़ती जा रही है, जो लोग इस्लाम में महिलाओं के हक के बारे में जानना चाहते हैं उनमें किताब खरीदने की एक अलग सी बेताबी दिख रही है. इन किताबों को पुरुषों के मुकाबले गैर मुस्लिम महिलाएं ज्यादा खरीद रही हैं. मरकज़ी मकतबा इस्लामी पब्लिशर्स के मेराज खालिद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘औरत और इस्लाम’ नाम की किताब पुस्तक मेले में सबसे ज्यादा बिक रही हैं. 

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विश्व पुस्तक मेला 2018

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वहीं इस्लामी बुक सर्विस लिमेटिड के नसीम अहमद का कहना है कि गैर मुस्लिम युवाओं में पैगंबर और इस्लाम को जानने की उत्सुकता देखी जा रही है. मेले में ‘पैगंबर की पत्नियां’, ‘पैगंबर की बेटियां’, ‘पति पत्नी के अधिकार’, ‘इस्लाम में पारिवारिक मूल्य’, ‘वूमन इन इस्लाम’ जैसी किताबों के लिए क्रेज देखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इन किताबों को मिले रहे रिव्यू को देखते हुए उन्होंने इसके हिंदी वर्जन पर काम करना शुरू कर दिया है, कुछ ही दिनों में यह किताब हिंदी में भी उपलब्ध होगी.

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पुस्तक मेले में आए युवाओं का कहना है कि टीवी चैनलों पर अक्सर डिबेट के दौरान वह लोग मतभेद देखते हैं. कोई शख्स कहता है इस्लाम में यह लिखा है, कोई कहता है यह लिखा है, कोई कहता है इस्लाम में महिलाओं को ये अधिकार दिया गया है, को कोई कुछ. इन बातों को सुनने के बाद उनके मन में इस्लाम को लेकर जो कंफ्यूजन है वह लोग उसे खत्म करना चाहते हैं, इसलिए सही किताबें खरीदकर इसके बारे में जानना चाहते हैं. 

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वहीं, एक युवा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बाजार में इस्लाम की ज्यादातर किताबें उर्दू भाषा में होती है, लेकिन पुस्तक मेले में कुछ प्रकाशक इस्लाम की किताबों का हिंदी और अंग्रेजी वर्जन लेकर आए हैं, वह इसलिए इन किताबों को खरीद रहे हैं ताकि जानकारी इक्ट्ठा करके लोगों को जवाब दे सकें. 

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