नोटबंदी: लंबी कतार से निपटने को नया फॉर्मूला- रुपये निकालने के लिए नहीं बल्कि नोट बदलने पर लगेगी स्‍याही
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नोटबंदी: लंबी कतार से निपटने को नया फॉर्मूला- रुपये निकालने के लिए नहीं बल्कि नोट बदलने पर लगेगी स्‍याही

नोटबंदी के बाद देशभर के बैंकों के बाहर लोगों की लंबी कतारों से निपटने के लिए सरकार ने नया फॉर्मूला निकाला है। नोटबंदी के बाद आम लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अप्रचलित नोटों को बदलवाने वालों की अंगुली पर अमिट स्याही लगाने तथा जनधन खातों में संदिग्ध जमाओं की निगरानी करने का फैसला किया है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस मसले पर यह साफ किया है कि बैंकों की लाइनों में लगे केवल उन लोगों की उंगली में स्याही लगाई जाएगी जो पुराने नोट को एक्सचेंज करने के लिए बैंक शाखाओं पर आएंगे। आरबीआई ने यह भी कहा है कि पैसा निकालने वाले लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाने की जरूरत नहीं है।

नोटबंदी: लंबी कतार से निपटने को नया फॉर्मूला- रुपये निकालने के लिए नहीं बल्कि नोट बदलने पर लगेगी स्‍याही

नई दिल्‍ली : नोटबंदी के बाद देशभर के बैंकों के बाहर लोगों की लंबी कतारों से निपटने के लिए सरकार ने नया फॉर्मूला निकाला है। नोटबंदी के बाद आम लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अप्रचलित नोटों को बदलवाने वालों की अंगुली पर अमिट स्याही लगाने तथा जनधन खातों में संदिग्ध जमाओं की निगरानी करने का फैसला किया है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस मसले पर यह साफ किया है कि बैंकों की लाइनों में लगे केवल उन लोगों की उंगली में स्याही लगाई जाएगी जो पुराने नोट को एक्सचेंज करने के लिए बैंक शाखाओं पर आएंगे। आरबीआई ने यह भी कहा है कि पैसा निकालने वाले लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाने की जरूरत नहीं है।

सरकार ने यह कदम (अंगुली पर अमिट स्याही लगाने) नोटों की अदला बदली करवाने में कई गिरोहों के सक्रिय होने की रिपोर्टों के बाद उठाया है। ऐसी रिपोर्ट हैं कि ऐसे गिरोह के सदस्य बार बार कतारों में लगकर नोट बदलवा रहे हैं। इससे वास्तविक जरूरतमंदों को परेशानी हो रही है और वे नोट नहीं बदलवा पा रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती रात भी हालात की समीक्षा की। सरकार ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो कि जरूरी सामान की आपूर्ति पर निगाह रखेगी। नोटों की कमी के चलते कारोबार पर असर पड़ा है।

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इसके साथ ही जाली मुद्रा प्रचलन में लाने पर रोक आदि के लिए एक कार्यबल गठित किया गया है। यह कार्यबल यह सुनिश्चित करेगा कि प्रणाली में कालाधन नहीं आ पाए। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार के नोटिस में आया है कि अनेक जगह वही लोग बार बार नोट बदलवाने आ रहे है और इस तरह की भी रपटें हैं कि कुछ असामाजिक तत्व भोले भाले लोगों को फांसकर अपने कालेधन को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ये तत्व ऐसे लोगों को कभी इस बैंक तो कभी उस बैंक में नोट बदलवाने के लिए भेजते हैं।

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार के नोटिस में आया है कि अनेक जगह वही लोग बार बार नोट बदलवाने आ रहे है और इस तरह की भी रपटें हैं कि कुछ असामाजिक तत्व भोले भाले लोगों को फांसकर अपने कालेधन को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ये तत्व ऐसे लोगों को कभी इस बैंक तो कभी उस बैंक में नोट बदलवाने के लिए भेजते हैं। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में जाली मुद्रा के चलन की निगरानी के लिए एक कार्यबल का भी गठन किया गया है जो प्रणाली में कालेधन को जमा करने पर निगाह रखेगा। दास ने कहा कि जहां बैंकों में भीड़ है और नकदी निकासी का फायदा कुछ ही लोगों को मिल रहा है. इस तरह के दुरूपयोग को रोकने के लिए बैंक नकदी लेने वाले के हाथ पर जल्दी नहीं मिटने वाली स्याही लगाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे लोग बार बार नोट बदलवाने आने से बचेंगे और नोट बदलवाने वाले गिरोहों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। दास ने कहा कि इसी तरह सरकार की जनधन खातों में जमाओं पर भी करीबी निगाह है। अनेक मामलों में इस तरह के खातों का इस्तेमाल कालाधन जमा कराने के लिए किया गया है।

बता दें कि नोटबंदी के बाद नकदी को लेकर परेशान लोगों को अभी तक राहत मिलती नहीं दिख रही है। लोगों को सुबह से ही एटीएम और बैंकों के बाहर लाइनों में लगना पड़ रहा है। जिससे चलन से बाहर किए जा चुके 500 और 1000 के नोटों के बदले नये नोट बदल सकें। अधिकतर ग्राहक एटीएम के जल्द खाली हो जाने की वजह से परेशान नजर आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ एटीएम नकदी होने के बावजूद तकनीकी समस्या से जूझते नजर आए जिसकी वजह से लाइनों में खड़े लोगों को खासा परेशानी हुई।

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