नई दिल्ली: डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन (Danish Prime Minister Mette Frederiksen) तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंची हैं. राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को उनका स्वागत किया. फ्रेडरिक्सन 9 से 11 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी. इस दौरान वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) से मुलाकात करेंगी और पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी. 


20 महीनों बाद पहला मौका


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हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, डेनमार्क पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन  (Mette Frederiksen) की इस यात्रा से भारत-डेनमार्क के रिश्तों में मजबूती आने की उम्मीद है. करीब 20 महीनों के बाद यह पहला मौका है जब विदेशी सरकार का कोई प्रमुख भारत आया है. इससे पहले, पिछले साल म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिंट और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नई दिल्ली आए थे. इसके बाद कोरोना महामारी के चलते किसी भी लीडर की यात्रा संभव नहीं हो सकी.


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Mahatma Gandhi को दी श्रद्धांजलि


डेनमार्क के पीएम ने शनिवार सुबह भारत पहुंचते ही कहा कि यहां आना मेरा सौभाग्य है. उन्होंने कहा, ‘हम भारत को एक करीबी भागीदार मानते हैं. मैं इस यात्रा को डेनमार्क-भारत द्विपक्षीय संबंधों के लिए मील के पत्थर के रूप में देखती हूं’. मेटे फ्रेडरिक्सन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी गईं. इसके बाद उन्होंने कहा कि भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे. दोनों देशों ने सितंबर 2020 में इस विषय पर वर्चुअल समिट आयोजित की थी.


Students से भी करेंगी संवाद


मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि पिछले साल मैंने और पीएम मोदी ने ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप हस्ताक्षर किए थे और इससे सहमति जताई थी. भारत इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है और साथ मिलकर हम दुनिया के लिए के उदाहरण पेश कर सकते हैं. फ्रेडरिक्सन अपनी भारत यात्रा के दौरान विचार मंचों, छात्रों एवं नागरिक समाज के लोगों के साथ संवाद भी करेंगी.