Operation Sindoor : 'भय बिन होय न प्रीत...', श्री रामचरितमानस की चौपाई का जिक्र कर DGAO ने पाकिस्तान को क्या संदेश दिया?
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Operation Sindoor : 'भय बिन होय न प्रीत...', श्री रामचरितमानस की चौपाई का जिक्र कर DGAO ने पाकिस्तान को क्या संदेश दिया?

India Pakistan Ceasefire Updates : भारत-पाकिस्तान के DGMO फोन पर बातचीत करने वाले थे. हॉटलाइन कनेक्ट न होने पर भारतीय सेना के तीनों प्रमुखों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत-पाकिस्तान के बीच ताजा हालात पर जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सेना ने यहां से पाकिस्तान को जो चेतावनी दी है, उसे  उसके मायने गहरे हैं. 

Operation Sindoor : 'भय बिन होय न प्रीत...', श्री रामचरितमानस की चौपाई का जिक्र कर DGAO ने पाकिस्तान को क्या संदेश दिया?

India Pakistan Ceasefire: भारतीय सेना के तीनों अंगों के प्रमुख 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात पर जानकारी देने के लिए प्रेस ब्रीफिंग की. करीब आधे घंटे तक चली इस कॉन्फ्रेंस में कई अहम जानकारियां पता चलीं. भारतीय सेना (India Army) ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करने से पहले अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदना नामुमकिन है. पाकिस्तान के द्वारा दागी गईं चीनी मिसाइलें भी फेल हुईं.इस बीच पाकिस्तान को समझा दिया गया कि अब कोई आतंकी वारदात कराओगे तो बचोगे नहीं.

श्री रामचरितमानस के पाठ से क्या सबक दिया? 

भारत की लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है. भारत की सेना बेहद प्रोफेशनल है इसलिए हमारी कार्रवाई सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर की गई पर अफसोस कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों का साथ देना चुना और इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया. ऐसे में उसे मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी था, जो उसे रियल टाइम दिया गया. एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि हमारे सभी मिलिट्री बेस, इक्विपमेंट्स और सिस्टम चालू हैं और किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर मिशन के लिए तैयार हैं. पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और हथियारों के जरिए घुसपैठ की जो कोशिशें हुईं. उन्हें नाकाम किया गया और जो कुछ ड्रोन बच भी गए थे. उन्हें मार गिराया गया. 

पाप का घड़ा भर गया था और विनय ना मानत...

सैन्य अधिकारियों ने श्रीरामचरितमानस की चौपाई का जिक्र करके बेहद गहरा संदेश दिया. श्रीरामचरितमानस की सीख ये है कि बुराई का अंत बुरा होता है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर हिंदुओं का नरसंहार किया था ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, 'हमें एयर डिफेंस की कार्रवाई को नए संदर्भ में समझने की जरूरत है. पहलगाम तक पाकिस्तान के पाप का घड़ा भर चुका था हमने पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी और कार्रवाई की गई.' 

भगवान राम ने धर्म की शक्ति से आदर्श स्थापित करते हुए उस सर्वशक्तिमान रावण का समूल नाश कर दिया था जो कैलाश पर्वत उठाने को तैयार रहता था. भगवान शंकर के अलावा किसी के आगे झुकता नहीं था देवताओं को बंदी बना लेता था. जंगल में तपस्या करने वाले साधु-संतों और तपस्वियों को अपने राक्षसों से मरवा देता था जब वो नहीं बचा तो आतंकिस्तान का आका पाकिस्तान भी नहीं बचेगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने पूछा- ड्रोन अटैक में मेड इट टर्की ड्रोन गिराया गया है, इससे क्या कोई खास मैसेज मिलता है? इस पर एयर मार्शल एके भारती ने कहा, 'संदेश की बात करें तो मैं रामचरितमानस की पंक्ति याद दिलाना चाहूंगा ‘विनय ना मानें जलधि जड़, गए तीन दिन बीत. बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीत.’ बाकी समझदार के लिए इशारा ही काफी है.

बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति।
बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति॥57॥ 

ये सुंदरकांड का 57वां दोहा है. रावण की लंका पर हमला बोलने के पहले समुद्र सेतु के निर्माण से पहले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने बड़े आग्रह से आदरभाव से समुद्र देवता से रास्ता देने की गुहार लगाई. सागर की अनुनय विनय करते भगवान को तीन दिन बीत गए. समुद्र पर उनकी पुकार का कोई असर न हुआ, तब भगवान समझ गए कि अब शक्ति का इस्तेमाल करके उसमें भय उत्पन्न करना जरूरी है. हालांकि प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण तो पहले दिन से ही कह रहे थे किसी से कोई आग्रह करने की जरूरत नहीं है. बाण मारकर रास्ता आसानी से बनाया जा सकता है, क्योंकि वो अपने भाई राम के बाणों की अमोघ शक्ति से परिचित थे. वे चाहते थे कि राम जी एक बाण मारकर समुद्र सुखा दें और सेना आराम से उस पार रावण की लंका पहुंच जाए. सागर का दिल न पसीजा जो भगवान समझ गया अब भय से काम होगा. श्रीराम ने अपने महा-अग्निपुंज-शर का संधान किया, जिससे समुद्र के अन्दर ऐसी आग लग गई कि उसमें वास करने वाले जीव-जन्तु जलने लगे. फौरन समुद्र प्रकट होकर माफी मांगने लगा और उसने समुद्र के पार जाने की तरकीब (नव-नील समुद्र पर सेतु बनाने में सक्षम है. आपका नाम लिखे पत्थरों को भी जगह मिल जाएगी वो डूबेंगे नहीं और रास्ता बना जाएगा.) बता दी जो उनके अलावा किसी को नहीं पता थी.

पाकिस्तान का मिट जाएगा नामोनिशान- समझदार को इशारा काफी

यानी पहलगाम के बाद ऑपरेशन सिंदूर से भी पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं लिया तो आगे उसे बांग्लादेश बनने जैसा सरेंडर कराने के साथ उसका नामोनिशान मिटाया जा सकता है. सत्य और धर्म की स्थापना के लिए दुश्मन को डर दिखाना जरूरी है.

एयर मार्शल भारती ने यह भी स्पष्ट किया कि 'हमारी जवाबी कार्रवाई अत्यंत आवश्यक थी. पाकिस्तान को जो नुकसान हुआ उसे वो कभी भूल न पाएगा. समझदार के लिए इशारा काफी है कहकर उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत हर स्थिति के लिए तैयार है. तुर्की ड्रोन हों या किसी और के ड्रोन हों, हमने दिखा दिया है कि किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी का सामना करने के लिए हम तैयार हैं. 

लश्कर ए तैयबा (LeT) और जैश ए मोहम्मद के हमदर्दों का होगा काम तमाम

इससे पहले जम्मू कश्मीर में तड़के आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन में बड़ा एक्शन हुआ. जिसमें सेना और सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. स्टेट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (SIA) ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद से जुड़े मददगारों का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए दक्षिणी कश्मीर में 20 ठिकानों पर छापेमारी करते हुए आतंकियों के मददगारों के समूल खात्मे का ऐलान ही कर दिया है.

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