Bangladesh News: पाकिस्तान चाहता है जिस तरह 1971 में उसके दो टुकड़े हुए. वैसा ही जख्म वो भारत को देना चाहता है. इसलिए जो कुछ बांग्लादेश में हो रहा है वहां सीधे तौर पर मेड इन पाकिस्तान और डायरेक्टेड एंड प्रोड्यूस्ड बाई पाकिस्तान टूल किट नजर आती है.
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Bangladesh Unrest: बांग्लादेश पर ज़ी न्यूज़ की वर्ल्ड एक्सक्लूसिव कवरेज कवरेज जारी है. पहले बांग्लादेश में हिंदुओं के दमन की साजिश का हमने टूल किट दिखाकर खुलासा किया. फिर हमने आपको बताया कैसे भारत के खिलाफ नफरती नैरेटिव फैलाया गया? हमने अपने पाठकों के सामने बॉर्डर पर बांग्लादेशी फौज की तैनाती को लेकर भी खुलासा किया और ये भी बताया था पाकिस्तान की शह पर बांग्लादेश रोहिंग्या आतंकियों के कैंप्स भारतीय बॉर्डर पर बना रहा है. बांग्लादेश के लेटेस्ट EXPOSE में बताएंगे जेहादियों का नया नक्शा प्लान, जिसमें बांग्लादेशी कट्टरपंथी कह रहे हैं कि वो भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा को भी बांग्लादेश का हिस्सा बना देंगे.
बेहूदा बयान
खालिदा जिया के पाकिस्तान परस्त नेता ने दावा तो कर दिया लेकिन क्या ऐसा होना मुमकिन है. क्या बांग्लादेश की सामरिक हैसियत इतनी है कि वो भारत की जमीन पर कब्जा कर सके. क्या बांग्लादेश की राजनीतिक इच्छाशक्ति इतनी है कि वो भारत के खिलाफ जंग छेड़ सके. दुनिया के किसी भी हिस्से में इन सवालों का जवाब ना ही होगा तो फिर रुहुल कबीर ने ऐसा बेहूदा बयान क्यों दिया. इसका जवाब है मजहबी कट्टरपंथ का जहरीला नैरेटिव जो पाकिस्तान के इशारों पर बांग्लादेश में फैलाया जा रहा है. इस कट्टरपंथी नैरेटिव की कड़ियां जुड़ती हैं साल 1905 से.
दरअसल 1905 में भारत, अंग्रेजी हुकूमत के अधीन था. उस समय का बंगाल आज के ओडिशा के बालासोर, कटक और आज के बिहार के मुजफ्फरपुर और मोतिहारी तक फैला था. आज के छत्तीसगढ़ और असम का कुछ हिस्सा भी तत्कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था. तब प्रशासनिक कारणों से ब्रिटिश वाइसरॉय लॉर्ड कर्ज़न ने बंगाल को अलग अलग हिस्सों में बांटने का प्लान बनाया. जिस हिस्से में हिंदू आबादी ज्यादा थी उसे पश्चिम बंगाल बनाया गया जिस हिस्से में मुसलमानों की आबादी थी. उसे ईस्ट बंगाल बनाया गया. जो 1971 के बाद बांग्लादेश बना.
यही 1971 आज भी पाकिस्तान के दिल में नासूर की तरह पनप रहा है. पाकिस्तान चाहता है जिस तरह 1971 में उसके दो टुकड़े हुए. वैसा ही जख्म वो भारत को देना चाहता है. इसलिए जो कुछ बांग्लादेश में हो रहा है वहां सीधे तौर पर मेड इन पाकिस्तान और डायरेक्टेड एंड प्रोड्यूस्ड बाई पाकिस्तान टूल किट नजर आती है.
बांग्लादेश में भारत और हिंदुओं के खिलाफ प्रोपगेंडा वॉर - फैक्ट चेक एक्सपोज
बांग्लादेश में सिर्फ मजहब आधारित नफरती नैरेटिव ही नहीं फैलाया जा रहा. बल्कि ऐसी खबरें भी वायरल की जा रही हैं. जिनसे बांग्लादेश और भारत के रिश्तों को नुकसान हो. ऐसी ही एक खबर वीकेंड पर शनिवार को सोशल मीडिया पर फैली. इस कथित खबर में कहा गया कि बांग्लादेश की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स के जवान भारत में घुस गए हैं. आगे दावा ये भी किया गया कि बांग्लादेश के जवानों ने भारतीय सीमा में घुसकर एक मंदिर का निर्माण रुकवा दिया. जिन हैंडल्स से ये खबर पोस्ट की गई उन्होंने ये भी कहा कि बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड्स ने कहा कि बांग्लादेश की मुस्लिम आबादी को मंदिर के भजन से दिक्कत होगी इसलिए मंदिर का निर्माण बंद होना चाहिए.
ZEE NEWS का FACT CHECK
क्या वाकई बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड्स भारतीय सीमा में अंदर घुस आए थे. क्या वाकई बांग्लादेशी जवानों ने भारतीय जमीन पर मंदिर का निर्माण रुकवा दिया. इस खबर पूरी हकीकत आपको बताते हैं. दरअसल ये खबर उड़ाई गई कि भारतीय धरती पर बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड्स नदी पारकर आए और मंदिर का निर्माण रोका. इस कथित खबर का जब फैक्ट चेक शुरु किया गया तो सबसे पहले सामने आई वो जगह. जहां बांग्लादेशी जवानों के घुसने की खबर फैलाई गई. ये जगह है असम का श्रीभूमि
जी न्यूज की टीम श्रीभूमि पहुंची और समझने की कोशिश की आखिर भारतीय सीमा में बांग्लादेशी जवानों के घुसने का असली सच क्या है. पड़ताल के बाद इस वायरल अफवाह का सच सामने आ गया.
जी न्यूज की पड़ताल में सामने आया कि भारत में घुसकर मंदिर निर्माण रोकने का दावा फर्जी है. जिस मंदिर की बात की गई, उसमें मरम्मत चल रही थी. जिसके बाद बांग्लादेशी बॉर्डर गार्ड्स ने BSF से पूछा क्या निर्माण चल रहा है? BSF ने उन्हें बताया कि ये मंदिर का काम चल रहा है.
बांग्लादेश के कथित छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने चौबीस घंटे पहले ही बांग्लादेश विरोधी नैरेटिव को काउंटर करने के लिए नई सोशल मीडिया सेल का ऐलान किया था. अब सामने आ गया है कि ऐसे सोशल मीडिया सेल का काम. किसी नैरेटिव का विरोध करना नहीं. बल्कि भारत विरोधी नैरेटिव को हवा देना है.
पाकिस्तान से आ रही कोकेन
बांग्लादेश में चल रहे भारत विरोधी नैरेटिव से एक खबर ये भी निकलकर आई थी कि बांग्लादेश अब भारत से नहीं बल्कि पाकिस्तान से चीनी खरीदेगा. इस खबर को लेकर आज बांग्लादेश के ही एक वरिष्ठ पत्रकार ने बड़ा अलर्ट जारी करते हुए साफ साफ कह दिया कि पाकिस्तान से चीनी नहीं बल्कि कोकीन आ रही है.
सलाउद्दीन चौधरी का दावा है कि जिस तरह पाकिस्तान में नार्को इकॉनॉमी चलती है. वैसे ही इकॉनॉमी पाकिस्तान बांग्लादेश में भी लागू करना चाहता है. लेकिन ये सिर्फ पाकिस्तानी साजिश नहीं लगती. बल्कि नशे के धंधे के इस आरोप में मोहम्मद यूनुस की रजामंदी भी नजर आती है.
नशा आधारित अर्थव्यवस्था बनेगा बांग्लादेश?
मोहम्मद यूनुस की सरकार ने ही बांग्लादेशी बंदरगाहों पर कस्टम चेकिंग के नियम बदले थे. जिसके बाद पाकिस्तान से आने वाले जहाजों की चेकिंग रुक गई. चेकिंग ना होने की वजह से पाकिस्तान के कराची से आतंकियों और हथियारों की खेप बांग्लादेश पहुंच पाई. मोहम्मद यूनुस की सरकार ने ही पाकिस्तानियों को VISA PREFERENCE का ऐलान किया. जिसके बाद पाकिस्तानियों का बांग्लादेश में घुसना बेहद आसान हो गया है.
यानी मोहम्मद यूनुस ने हर वो इंतजाम किया, जिसके जरिए पाकिस्तान से आने वाले नशीले कार्गो और ड्रग तस्कर बांग्लादेश पहुंच पाएं. इस वजह से शक जाहिर किया जा रहा है कि क्या अफगानिस्तान की तर्ज पर मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश को भी एक नशा आधारित अर्थव्यवस्था बनाने का प्लान तो नहीं कर रहे हैं?