NGT ने किया साफ, अमरनाथ गुफा मंदिर को ‘साइलेंट जोन’ घोषित नहीं किया
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NGT ने किया साफ, अमरनाथ गुफा मंदिर को ‘साइलेंट जोन’ घोषित नहीं किया

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अपने फैसले को लेकर हो रही आलोचना के बाद स्पष्ट किया कि उसने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में कोई ‘साइलेंट जोन’ घोषित नहीं किया है.

अमरनाथ गुफा मंदिर (फाइल फोटो-zee)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अपने फैसले को लेकर हो रही आलोचना के बाद स्पष्ट किया कि उसने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में कोई ‘साइलेंट जोन’ घोषित नहीं किया है. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि बर्फ से बनी ‘शिवलिंग’ जैसी रचना के सामने ही शांति बनाए रखना चाहिए. विस्तृत आदेश की अभी प्रतीक्षा है.

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एनजीटी ने अमरनाथ गुफा श्राइन की पर्यावरण-संवेदनशीलता को बनाए रखने के लिए बुधवार को इसे ‘‘मौन क्षेत्र’’ घोषित कर प्रवेश बिंदु से आगे धार्मिक रस्मों पर रोक लगा दी थी.

पीठ ने पहले कहा था कि अमरनाथ गुफा मंदिर के आसपास के इलाके को ‘‘मौन क्षेत्र ’’ घोषित करने से बर्फीले तूफान को रोकने और क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद मिलेगी.

अमरनाथ गुफा मंदिर को हिंदुओं के बड़े पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है. साल में ज्यादातर समय यह गुफा बर्फ से ढकी रहती है. केवल गर्मी में कुछ ही दिन के लिए यहां बर्फ नहीं होती और तब इसे श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है.

एनजीटी ने के इस स्पष्टीकरण से पहले, दक्षिण पंथी हिंदू समूह विश्व हिंदू परिषद ने एनजीटी के आदेश का विरोध करते हुए इसे ‘तुगलकी फतवा’ करार दिया था. विहिप ने कहा था कि पृथ्वी पर पारिस्थितिकी (Ecology) संबंधी हर समस्या के लिए हिंदू जिम्मेदार नहीं है. बहरहाल, पर्यावरणविद गौरी मौलेखी ने एनजीटी के आदेश का स्वागत करते हुए इसे ‘‘अच्छा एवं प्रगतिशील’’ बताया. गौरी की ही याचिका पर एनजीटी ने यह आदेश दिया है.

बुधवार को गौरी ने मीडिया से कहा ‘‘अमरनाथ गुफा जिस स्थान पर है वहां की पारिस्थितिकी बहुत ही संवेदनशील है. एनजीटी के आदेशों से न केवल अमरनाथ यात्रा सुरक्षित होगी बल्कि श्रद्धालुओं को भी सुविधा होगी. इससे पवित्र गुफा का क्षरण होने से बचेगा और यह सुनिश्चित होगा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहे. यह बहुत ही अच्छा और प्रगतिशील फैसला है.’’

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