Trending Photos
नई दिल्लीः गोवा में कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें जीती लेकिन फिर भी सरकार क्यों नहीं बना सकी, इसके लिए गोवा में कांग्रेस के प्रभारी दिग्विजय सिंह के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे है. लेकिन इसके इसके पीछे क्या कारण रहे ये बताते हुए आज आलोचनाओं का सामना करने वाले दिग्गी राजा ने एक के बाद एक ट्वीट करके अपनी ही पार्टी के नेताओं पर दोष मढ़ा है.
शाह और गडकरी की फोन पर बातचीत से गोवा में बन पाई पर्रिकर की सरकार
गोवा में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव से पहले गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन का उन्होंने प्रस्ताव दिया था जिसे उनकी ही पार्टी के नेताओं ने नकार दिया था. आपको बता दें कि कांग्रेस को गोवा में 17 सीटें मिली थीं. वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भी उभर कर सामने आई, लेकिन सरकार बीजेपी की बन गई. इसे कांग्रेस की एक बड़ी असफलता माना जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- दिग्विजय सिंह यह भी कहते देखे गए कि अगर गोवा में त्रिशंकु नतीजे आते हैं तो सरकार हमेशा उसी की बनती है जिसकी केंद्र में होती है.
Whenever there is a fractured mandate in Goa it is the Party in Power in Delhi which forms the Govt.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 16, 2017
उन्होंने कहा कि गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन हो जाता तो कांग्रेस को राज्य में बहुमत मिलता और अब इस मामले में उन्हें ‘खलनायक’ बनाना ठीक नहीं है.
गोवा में लोकतंत्र की हत्या हुई: शिवसेना
As a strategy I had proposed a secular alliance with regional party headed by Babush Monserrate and Goa Forward headed by Vijay Sardesai.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 17, 2017
सिंह ने ट्वीट करके बताया, ‘रणनीति के तहत मैंने बाबुश मोनसराटेट की अगुवाई वाली क्षेत्रीय पार्टी और विजय सरदेसाई की गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा, बाबुश के साथ हमारा गठबंधन हो गया और हमने पांच में से तीन सीटों पर जीत हासिल की, जबकि गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन को हमारे ही नेताओं ने नकार दिया.
Our alliance with Babush went through and we won 3 out of 5 but our alliance with Goa Forward was sabotaged by our own leaders. Sad !
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 17, 2017
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, गोवा फारवर्ड को चार में से तीन सीटों पर जीत मिली. अगर हमने गोवा फारवर्ड के साथ गठबंधन किया होता, तो हमारे पास 22 सीटें होतीं.
Goa Forward won 3 out of 4 they contested. Had our alliance with Goa Forward gone through we would have been 22.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 17, 2017
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘फिर भी दिग्विजय दोषी हैं? मैं इसका निर्णय आप पर छोड़ता हूं.
Still Digvijaya Guilty? I leave it to you to judge.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 17, 2017
गौरतलब है कि 40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी है और खबरों के अनुसार उसे एक निर्दलीय का भी समर्थन हासिल था. संख्याबल पर नजर डालें तो कांग्रेस बहुमत के लिए आवश्यक 21 सीटों से महज तीन सीट पीछे थी. बीजेपी के पास महज 13 सीटें थीं. ऐसे में कांग्रेस के लिए बहुमत जुटाना ज्यादा कठिन काम नहीं था, फिर भी सियासी तालमेल बैठाकर बीजेपी ने गोवा में सरकार बनाने में बाजी मारी ली है.