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नई दिल्ली: चीन के महान दार्शनिक लाओ-चू (Lao Tzu) ने कहा था कि Health Is The Greatest Possession. Contentment Is The Greatest Treasure. Confidence Is The Greatest Friend. हिन्दी में इसका अर्थ है स्वास्थ्य सबसे बड़ी दौलत है. संतोष सबसे बड़ा खजाना है और आत्मविश्वास सबसे बड़ा मित्र है.
यानी इन तीन चीज़ों के बिना आप किसी भी बीमारी से नहीं लड़ सकते. ये आपके सबसे बड़े हथियार हैं. इसलिए अब हम आपको एक ऐसी ख़बर के बारे में बताना चाहते हैं, जो कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ युद्ध जीतने में आपका मार्गदर्शन करेगी.
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ये ख़बर महाराष्ट्र के एक बुज़ुर्ग पति पत्नी की है, जिन्हें कुछ दिनों पहले कोरोना हो गया था. धेनु चव्हाण जो 105 साल के हैं और उनकी पत्नी जो 95 वर्ष की हैं, उन्हें 24 मार्च को पता चला कि वो कोरोना से संक्रमित हैं. ज़्यादा उम्र होने की वजह से परिवार को उम्मीद नहीं थी कि वो अस्पताल से वापस कभी घर भी लौट पाएंगे. हालांकि जब सब लोग उम्मीद हार चुके थे, तब भी इस बुज़ुर्ग दंपत्ति को विश्वास था कि कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा.
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105 वर्ष के धेनु चव्हाण 9 दिनों तक ICU में रहे. और 95 साल की उनकी पत्नी की हालत भी काफ़ी गम्भीर थी. 9 दिनों तक उन्होंने अस्पताल में संघर्ष किया और आख़िरकार उनकी टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. यानी इस बुज़ुर्ग दम्पत्ति के आत्मविश्वास ने कोरोना वायरस को हरा दिया. आपने कई लोगों को कहते हुए सुना होगा कि पहले के लोग लम्बी उम्र जी जाते थे, लेकिन अब ये सम्भव नहीं है. और आपको पता है कि ऐसा क्यों है?
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क्योंकि पहले के लोग स्वास्थ्य को अपनी सबसे बड़ी दौलत, संतोष को अपना सबसे बड़ा खजाना और आत्मविश्वास को अपना सबसे अच्छा मित्र मानते थे. आज इस ख़बर से आपको ये सीखना है कि जब ये बुज़ुर्ग पति पत्नी ICU में 9 दिन रह कर घर लौट सकते हैं तो आप कोरोना वायरस को क्यों नहीं हरा सकते?