अब तक ये माना जा रहा था कि ये वायरस सिर्फ इंसानों के लिए जानलेवा है, और जानवर इस वायरस के संक्रमण से सुरक्षित हैं. लेकिन अब अमेरिका में इंसानों से जानवरों के संक्रमित होने के बाद हमारी चुनौती बढ़ गई है. क्योंकि अब हमें इंसानों के साथ जानवरों को भी बचाने के लिए कोशिश करनी पड़ेगी.
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इंसानों और प्रकृति के बाद हम जानवरों की बात करेंगे. जानवरों से इंसानों में कोरोना वायरस कैसे पहुंचा, इसका पता करने की कोशिश वैज्ञानिक अभी कर रहे हैं. लेकिन अमेरिका के एक चिड़ियाघर में इंसानों से जानवरों तक इस वायरस का संक्रमण पहुंच गया है. अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में ब्रॉन्क्स ज़ू की एक मादा टाइगर इस वायरस से संक्रमित हो गई है. इस टाइग्रेस का नाम नादिया है, और इसकी उम्र 4 वर्ष है. नादिया को सांस लेने में परेशानी हो रही थी और उसे सूखी खांसी भी थी. यानी कोरोना वायरस के जो लक्षण इंसानों में दिखाई देते हैं वही इस मादा टाइगर में दिखाई दे रहे थे.
टेस्ट के बाद नादिया में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है. ये पहला मामला है जब ये वायरस किसी इंसान से जानवरों तक पहुंचा है. ये जू मार्च के दूसरे हफ्ते से ही बंद है, आशंका है कि जू के ही किसी कर्मचारी ने नादिया को संक्रमित किया है. चिड़ियाघर के दूसरे बाघ और शेरों में भी संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए हैं और अब इन जानवरों की भी जांच की जाएगी.
अब तक ये माना जा रहा था कि ये वायरस सिर्फ इंसानों के लिए जानलेवा है, और जानवर इस वायरस के संक्रमण से सुरक्षित हैं. लेकिन अब अमेरिका में इंसानों से जानवरों के संक्रमित होने के बाद हमारी चुनौती बढ़ गई है. क्योंकि अब हमें इंसानों के साथ जानवरों को भी बचाने के लिए कोशिश करनी पड़ेगी. भारत में पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकारों को दिशा निर्देश जारी किया है जिसके मुताबिक अब भारत के चिड़ियाघरों में मौजूद जानवरों की 24 घंटे निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है.
और किसी भी जानवर के संक्रमित होने की आशंका होने पर, तुरंत उसका सैंपल टेस्ट किया जाएगा. बिल्ली प्रजाति के जानवरों का खास ध्यान रखा जाएगा. देश के नेशनल पार्क्स और टाइगर रिजर्व में भी लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या आपके पालतू जानवर भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं? इसका जवाब है, नहीं. अभी तक संक्रमित इंसानों से पालतू जानवरों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि का कोई सबूत नहीं मिला है. चीन में हुई एक रिसर्च के मुताबिक इंसानों से बिल्लियों में इस संक्रमण के फैलने की आशंका अधिक है. और अभी तक कुत्तों में इस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है. हालांकि ये परीक्षण प्रयोगशाला में किये गये हैं. और वास्तविक जीवन के मुकाबले इनमें अंतर हो सकता है
अगर आपको लगता है कि आप इस वायरस से संक्रमित हैं, तो अपने पालतू जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए आप खुद को आइसोलेट कर लें. यानी क्वारंटाइन के दौरान जिस प्रकार आप किसी और व्यक्ति से दूर रहते हैं, वैसे ही अपने पालतू जानवरों से भी दूर रहिए. ताकि वो किसी भी संक्रमण से सुरक्षित रहें.